BIHAR POLITICS : बिहार में बक्सर की भूमि पर पढ़े-बढ़े प्रशांत किशोर कैसे बने सियासत के ‘चाणक्य’, जानिए ‘पीके’ के कैरियर और सियासी सफ़र की अनोखी कहानी...
PATNA : पहले संयुक्त राष्ट्र संघ की नौकरी, फिर पीआर कंपनी की स्थापना। कम्पनी की मदद से कई राज्यों में चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम करना। इसके बाद देश में 7 राज्यों में नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने में मदद करनेवाले प्रशांत किशोर ने आज अपनी नयी राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है। आज पटना के वेटनरी ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने अपनी पार्टी के गठन घोषणा कर दी है।
हालाँकि प्रशांत किशोर का अब तक का सफ़र आसान नहीं रहा है। रोहतास जिले के कोनार गाँव में ब्राह्मण परिवार में 1976 में प्रशांत किशोर का जन्म हुआ। जिनके पिता श्रीकांत पाण्डेय पेशे से सरकारी चिकित्सक थे। यही वजह रही की उनके पिता ने जहाँ जहाँ नौकरी की। प्रशांत किशोर उनके साथ रहे। इस दौरान बक्सर के एमपी हाई स्कूल से प्रशांत किशोर ने मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने पटना के साइंस कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से पब्लिक हेल्थ से प्रोफेशनल कोर्स पूरा किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद पीके ने विदेश का रुख किया। विदेश में रहने के दौरान प्रशांत किशोर ने संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए 8 वर्षों तक काम किया। इस दौरान उन्होंने स्विट्जरलैंड, अमेरिका और अफ्रीका में काम किया।
अपनी रणनीतियों से सियासी दलों को सत्ता दिलाने के प्रतीक बन चुके प्रशांत किशोर ने सबसे पहले 2012 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी प्रबंधन की कमान संभाली थी और उन्हें फिर से गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई। 2013 में प्रशांत किशोर ने 2014 के आम चुनाव की तैयारी के लिए एक मीडिया और प्रचार कम्पनी, सिटीजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (CAG) का निर्माण किया। 2015 में उन्होंने जदयू के लिए चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम किया। जिससे जदयू को सत्ता हासिल हुई। 2016 में उन्होंने कांग्रेस के लिए यूपी चुनाव में काम किया। लेकिन पार्टी को वहां हार का सामना करना पड़ा। 2017 में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में फिर उन्होंने कांग्रेस के लिए काम किया। जहाँ कांग्रेस को जीत हासिल हुई। 2019 में प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में YSR के लिए काम किया। जिसमें पार्टी की जीत हुई। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी के लिए काम किया। जिसमें आप को जीत हासिल हुई। 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के लिए काम किया। जिसमें पार्टी को जीत हासिल हुई। वहीँ 2021 में उन्होंने डीएमके के लिए तमिलनाडु में काम किया। जिसमें पार्टी की जीत हुई।
इसी बीच प्रशांत किशोर ने जदयू का दामन थाम लिया। जहाँ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें संगठन के मजबूती के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी थी। हालाँकि बाद में प्रशांत किशोर ने जन सुराज बना लिया। जिसके माध्यम से उन्होंने उन्होंने दो सालों तक बिहार के अलग अलग गांवों का दौरा किया। इस दौरान प्रशांत किशोर ने करीब 17 जिलों की यात्रा की। जिसमें करीब 5 हज़ार किलोमीटर की पदयात्रा की। इस दौरान प्रशांत किशोर ने बिहार के 5500 गावों का दौरा किया और करीब एक करोड़ सदस्य बनाये। इसी दौरे में प्रशांत किशोर के साथ कई महत्वपूर्ण हस्तियाँ जुडी। जिसमें पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा, जननायक कर्पूरी ठाकुर की पोती जाग्रति ठाकुर ने जन सुराज की सदस्यता ली। आज से प्रशांत किशोर ने अपना सियासी दल बनाकर सियासी सफ़र की शुरुआत कर दी। जो अपनी सभाओं में हमेशा बिहार के मूलभूत सुविधाओं की बात करते हैं।