बिहार यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य मनोज कुमार वत्स का देवेशचंद्र ठाकुर पर निशाना, कहा- कुर्सी पर टिके रहे और वाह-वाही लुटते रहे

बिहार यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य मनोज कुमार वत्स का देवेशचंद्र ठाकुर पर निशाना,  कहा- कुर्सी पर टिके रहे और वाह-वाही लुटते रहे

सीतामढ़ी- तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में प्रत्याशी सह भीम राव अंबेडकर बिहार विश्व विद्यालय मुजफ्फरपुर के सीनेट सदस्य मनोज कुमार वत्स ने सांसद देवेश चंद्र ठाकुर पर जमकर निशाना साधा है।

मनोज कुमार वत्स ने  देवेश चंद्र ठाकुर का बिना नाम लिए कहा कि पूर्व में रहे सदस्य के द्वारा स्नातकों के लिए कुछ नहीं किया गया है। सिर्फ और सिर्फ ये कुर्सी पर बने रहने के लिए यह टिके रहे और वाह-वाही लुटते रहे। 

मनोज कमार वत्स ने अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस निर्वाचन क्षेत्र तथा स्नातक युवक-युवतियों के प्रति इनकी एक गंभीर और महत्त्वपूर्ण दृष्टि हैं। वो दृष्टि यह है कि इस तिरहुत क्षेत्र के अन्तर्गत ही मां जानकी, सीता माता का प्रकाट्य स्थल है। इस क्षेत्र में अब तक कोई इस प्रकार का महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान ऐसा केन्द्र विकसित नहीं किया जा सका

है। जिससे ऐसे उक्त अति महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा, संवर्धन के साथ-साथ इस केन्द्र से प्रशिक्षण प्रेरणा लेकर यहाँ के हमारे युवक-युवतियों अपने भविष्य को रचनात्मक, सकारात्मक तथा गणतंत्र के मौलिक अर्थ को समझते हुए उसी दृष्टिकोण से अपना सर्वांगीण, अध्यात्मिक रूप से सबल, सजग बना सकें।

मनोज कुमार वत्स ने कहा कि मेरा संकल्प है कि उक्त धरोहर को सुरक्षित तथा संवर्धित करते हुए ऐसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान, माता सीता के नाम पर "मां जानकी कौशल विकास विश्वविद्यालय का निर्माण हो। इस विश्वविद्यालय में योग, संगीत, वैदिक संस्कृति भारतीय संस्कृति में विद्यमान विलुप्त होते वैसे ज्ञान, शिक्षा को दिया जा सके। इस क्षेत्र के स्नातक युवक-युवतियों के साथ-साथ देश के अन्य क्षेत्रों के युवक-युवतियों भी यहां आकर अपने भविष्य को संवार सकें। युवा अपने रोजगार ढूंढने के साथ-साथ अन्य बेरोजगारों को भी रोजगार सहजता से प्रदान कर सकें। जब हमारे यहां के बेरोजगारों को रोजगार तथा उसे अपने गणतंत्र लोकतंत्र तथा यहां आध्यात्मिक माटी की समझ होने लगेंगे तो स्वतः ही यह क्षेत्र अपराध मुक्त भी होने लगेगा। इस प्रकार से ही हम इस क्षेत्र में हर प्रकार के खुशहाली, आपसी प्रेम-भाईचारा को विकसित करते हुए विकास, प्रगति के शिखर पर जा सकते हैं।

रिपोर्ट - अविनाश कुमार 


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