बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने "इंडिया" गठबंधन का "ईस्ट इंडिया कंपनी" से किया तुलना, कहा- विपक्षी गठबंधन है हिंदू विरोधी, राहुल-लालू ने सावन में किया मांसाहार

PATNA: देश की सियासत इन दिनों गरमाई हुई है। पक्ष-विपक्ष के नेता एक दूसरे पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं। राजद-जदयू का कहना है कि भाजपा हिंदू विरोधी है। तो वहीं बीजेपी का कहना है कि राजद-जदयू हिंदू विरोधी कार्य करते हैं। इसी बीच राहुल गांधी ने अपने चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया है। बता दें कि यह वीडियो सावन महीने की है जब दिल्ली में मीसा भारती के आवास पर राहुल गांधी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान लालू यादव ने अपनी हाथों से मटन बनाकर राहुल गांधी को खिलाया था। वहीं बीते दिन राहुल गांधी ने वीडियो शेयर की जिसके बाद से ही भाजपा लगातार महागठबंधन पर हमलावार है। इसी कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन "इंडिया" का जन्म सनातन धर्म और भारत को लांछित करने के लिए हुआ है। यही हमारे समय की "ईस्ट इंडिया कंपनी" है। जिसमें हिंदुओं को अपमानित करने और आपस में बाँट कर सत्ता हथियाने की होड़ लगी है। द्रमुक नेता उदयनिधि का बयान और राहुल-लालू का सावन में मांसाहार संयोग नहीं, राजनीतिक प्रयोग है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में संयोजक-पद के दावेदार नीतीश कुमार बतायें कि वे उदयनिधि के बयान से सहमत हैं या नहीं। 

सुशील मोदी ने कहा कि खुद को जनेऊधारी ब्राह्मण बताने वाले राहुल गांधी, थावे मंदिर में दर्शन का दिखावा करने वाले लालू प्रसाद और छठ व्रत करने वाली राबड़ी देवी ने 4 अगस्त को सावन के पवित्र माह में मांस (मटन) पकाया, जम कर मांसाहार किया और हिंदू भावनाओं को आहत करने के लिए इसे सोशल मीडिया पर भी डाला। उन्होंने कहा कि  लालू-राबड़ी सावन में मांसाहार करते हैं, उनकी पार्टी के कोटे वाले शिक्षा मंत्री श्रीरामचरित मानस की निंदा करते हैं और शिक्षा विभाग रक्षाबंधन, जन्माष्टमी जैसे हिंदू त्योहारों पर स्कूलों की छुट्टी रद करता है। 

उन्होंने कहा कि क्या राहुल गाँधी और लालू प्रसाद में हिम्मत है कि वे किसी दूसरे धर्म के पवित्र महीने में जन-भावना को ठेस पहुंचाने वाला कोई काम करके उसका वीडियो वायरल कर सकें? उन्होंने कहा कि  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के पुत्र उदयनिधि ने सनातन धर्म को समाप्त करने की बात हिंदू-अपमान और मुस्लिम तुष्टीकरण की पोलिटिकल लाइन पर कही है। ढाई दर्जन विपक्षी दलों का गठबंधन यदि करोड़ों हिंदुओं की सहिष्णुता की परीक्षा ले रहा है, तो उसे इसका परिणाम 2024 में अवश्य झेलना पड़ेगा।