बारा नरसंहार मामले में कोर्ट का 31 साल बाद आया फ़ैसला, मुख्य आरोपी किरानी यादव को मिली उम्र कैद की सजा, 5 लाख रूपये का लगा जुर्माना

GAYA : बिहार के बारा नरसंहार मामले के 31 साल बाद आज कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ फैसला सुनाया है। इस घटना के मुख्य आरोपी किरानी यादव को आज डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में उम्र कैद की सजा सुनाई गयी है। वहीँ बचाव पक्ष के वकील तारिक अनवर ने कहा की इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। किरानी यादव पिछले 17 सालों से जेल में बंद है। इस फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
वहीँ आरोपी पर 5 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है। एपीपी प्रभात कुमार ने बताया की पुणे में आरोपी को किसी दुसरे मामले में अरेस्ट किया गया था। जिसे रिमांड पर बिहार लाया गया था।
गौरतलब है की 12 फ़रवरी 1992 को 35 लोगों की बारा में सामूहिक हत्या की गयी थी। टिकारी के बारा गाँव की इस घटना में 35 नामजद और 500 अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप लगा था। जिसके बाद मृतक के परिजन सतेन्द्र शर्मा के बयान पर मामला दर्ज किया गया था।
हालाँकि अनुसंधान के बाद 135 नामजद और 350 अज्ञात पर मामला चलाया गया था। इस कांड का टाडा कोर्ट में 2001 में 13 को सज़ा सुनाई थी। जिसमें 13 मे से 4 को फाँसी की सज़ा सुनाई गई थी। जिसके बाद चारो आरोपियों ने राष्ट्रपति के यहाँ अपील की। जिसके बाद फांसी की सजा को उम्र कैद में तब्दील किया गया। इसके बाद दूसरा फैसला आया। जिसमें 2009 में 3 लोगो को फाँसी की सजा हुई थी। जिसका मामला सुप्रीम कोर्ट में अपील में है। वहीँ दो आरोपियों का 2 का ट्रायल चल रहा है।
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट