बिहार में पीएम कुसुम योजना के तहत आवेदन करने की निविदा की बढ़ी तारीख, जानिए टेंडर डालने की क्या है पूरी प्रक्रिया

PATNA : बिहार में पीएम कुसुम योजना के तहत बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा 843 विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े कुल 1235 कृषि/मिश्रित फीडरों के सोलराइजेशन हेतु जारी की गई निविदा भरने की अंतिम तारीख जो पूर्व में 20 जून 2024 थी उसे बढ़ाकर 4 जुलाई 2024 कर दी गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आमदनी में वृद्धि करना और कृषि कार्यों हेतु राज्य में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देना, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। यह पहल बिहार में हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए विभाग द्वारा जारी किये नंबर 7320924004 पर संपर्क किया जा सकता है।

निविदा से संबंधित दस्तावेज और संशोधनों के साथ विद्युत उपकेंद्रों की सूची बिहार ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल (https://eproc2.bihar.gov.in) पर उपलब्ध है। अधिक जानकारी और निविदा भरने के लिए https://eproc2.bihar.gov.in (निविदा आईडी 59148) पर देखा जा सकता है। निविदा डाउनलोड करने के लिए “https://eproc2.bihar.gov.in” को गूगल पर सर्च करें। पोर्टल खुलने पर“Latest Tender” के नीचे here पर क्लिक करें। उसके बाद “type any Keyword” वाले बॉक्स में 59148 डालते ही नीचे निविदा दिख जायेगा। उसमे “Action” के नीचे आँख वाले आइकॉन पर क्लिक करने के बाद scroll-down  कर नीचे “Attachments” में "Revised  List of PSS" के सामने डाउनलोड आइकॉन पर क्लिक कर उपकेंद्रों की सूची डाउनलोड कर देख सकते हैं। निविदा भरने हेतु किसान/कंपनी को https://eproc2.bihar.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए क्लास 3 (सिग्नेचर तथा इंक्रिप्शन दोनों से निहित) डिजिटल सिग्नेचर, पैन कार्ड, ईमेल आईडी तथा मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। डिजिटल सिग्नेचर https://emudhra.com (+91804615902) या किसी अन्य वेबसाइट से तैयार किया जा सकता है। डिजिटल सिग्नेचर हेतु किसी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट से भी संपर्क किया जा सकता है।

योजना के अंतर्गत, नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय, भारत सरकार प्रति मेगावाट 1 करोड़ 5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता और बिहार सरकार प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। केंद्रीय वित्तीय सहायता कृषि फीडर पर मौजूद लोड के आधार पर प्रदान की जाएगी और राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता निविदा में वर्णित संयंत्र की क्षमता के अनुरूप होगी। पूरे परियोजना की कुल लागत है 5 करोड़ 37 लाख रुपए और लगभग 10 वर्षों में मूल लागत की वसूली संभव है। यानी प्रति वर्ष 51 लाख, 59 हजार रुपए के आसपास। मूल लागत की वसूली के उपरांत आवेदक को प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख रुपए प्रति मेगावाट की दर से अगले 15 वर्षों के लिए आमदनी प्राप्त हो सकती है।

सफल निवेदक को 15 महीने के अंदर सोलर प्लांट का निर्माण कर उसे 11 केवी लाइन द्वारा विद्युत उपकेंद्र से जोड़ना होगा। राज्य की दोनों वितरण कंपनियां, साउथ व नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, 25 वर्षों के लिए इस प्लांट से बिजली खरीदने का इकरारनामा करेंगी। इस निविदा में कोई कंपनी अकेले या अधिकतम तीन सदस्यों के संघ के रूप में भाग ले सकती है।