मिसाल ! दोस्त को पार्षद बना सके, इसलिए गया के इस पार्षद ने छोड़ दी अपनी सदस्यता, अब लड़वाएंगे चुनाव

GAYA : चुनाव जीतने के लिए लोग अपनों का खून बहाने से परहेज नहीं करते हैं। कई जगहों पर लोग अपनों के खिलाफ ही चुनाव में खड़े हो जाते हैं। फिर चाहे चुनाव किसी वार्ड का ही क्यों न हो। शायद ही कभी ऐसा सुनने को मिला होगा कि चुनाव जीतने के बाद सिर्फ इसलिए अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार हो जाए, ताकि अपने दोस्त को चुनाव लड़ा सके।

गया नगर निगम में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां नगर निगम क्षेत्र वार्ड संख्या 26 से पिछले 2002 से अबरार अहमद वार्ड पार्षद बनते आ रहे हैं. कई बार निर्विरोध भी चुने गए. निगम के पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव भी अपना भाग्य वार्ड संख्या 11 से आजमा रहे थे, लेकिन वो  बहुत कम अंतर से चुनाव हार गए. ऐसे में अब डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव के खास दोस्त रहे अबरार अहमद ने मोहन श्रीवास्तव को अपने वार्ड से चुनाव लड़ाने के लिए खुद पार्षद पद से इस्तीफा दे दिया है. दोस्त को निगम भेजने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है.

बताया जाता है कि मोहन श्रीवास्तव को गया नगर निगम के वार्ड पार्षद का चुनाव हारने के बाद उनको निगम में वापस भेजने के लिए वार्ड पार्षद अबरार अहमद वार्ड संख्या 26 से तो उनकी पत्नी तबस्सुम प्रवीण वार्ड संख्या 25 से लगातार निर्विरोध चुनाव जीतते आ रहे हैं.अबरार अहमद ने बताया की चुनाव में हारे डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव अपने दोस्त को अपने वार्ड से लड़वाने के लिए ये कुर्बानी दी है. 

एक दोस्ती की मिसाल पेश की है. बताया कि उनको विश्वास है कि मोहन और बेहतर कार्य करेंगे. कहा कि अल्पसंख्यक समाज के हक में यह निर्णय लेते हुए उनको निर्विरोध चुनाव यहां की जनता जिताएगी. समाज में हिंदू मुस्लिम के दुश्मनी फीलिंग्स को समाप्त करना चाहते हैं. वार्ड पार्षद का चुनाव हार चुके अबरार अहमद के दोस्त मोहन श्रीवास्तव ने उनको बधाई देते हुए कहा कि समाज में हिंदू मुस्लिम के प्रति जो नजरिया है उसे आइना दिखाने का कार्य किया है. 

आने वाले समय में निर्णय लेंगे कि चुनाव लड़ेंगे या नहीं लड़ेंगे. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा जब वहां से मैंने जनता से बात की तो सभी लोग खुश देखें और मोहन श्रीवास्तव को जिताने की अपील की और अबरार अहमद को बधाई देते हुए कहा धर्म को ना देखते हुए यह एक मिसाइल अबरार अहमद ने कायम की है