पीएम मोदी से पिता पहले ही नाराज, अब बेटे ने भी भाजपा के चुनाव अभियान से बनाई दूरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री को जारी हुआ नोटिस

पीएम मोदी से पिता पहले ही नाराज, अब बेटे ने भी भाजपा के चुनाव अभियान से बनाई दूरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री को जारी हुआ नोटिस

DESK. लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रचार अभियान से अलग रहने के कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा को पार्टी ने नोटिस जारी किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा हजारीबाग से सांसद थे. वे मोदी सरकार में विभिन्न मंत्रालयों का जिम्मा भी देख चुके हैं. लेकिन इस बार हजारीबाग से भाजपा ने मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया. चुनाव प्रचार हो या पार्टी से जुड़ी गतिविधियां पिछले लम्बे अरसे से जयंत सिन्हा सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं. अब इसी को लेकर पार्टी ने जयंत सिन्हा से स्पष्टीकरण मांगा है. 

झारखंड भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने जयंत सिन्हा से स्पष्टीकरण मांगा है. इसमें कहा गया है ‘लोकसभा चुनाव- 2024 में जब से हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से पार्टी द्वारा श्री मनीष जयसवाल जी को प्रत्याशी घोषित किया गया है, तब से आप न तो चुनाव प्रचार-प्रसार और न ही संगठनात्मक कार्य में रुचि ले रहे हैं। इसके बावजूद इस लोकतंत्र के महापर्व में आप अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके द्वारा बरती गई इस रवैये से पार्टी की छवि धुमिल हुई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी के निर्देशानुसार आपसे अनुरोध है कि इस संबंध में 2 दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण देने का कष्ट करें।‘

दरअसल, जयंत सिन्हा के पिता यशवंत सिन्हा वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के कुछ समय बाद से सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक बन गए. हालाँकि जयंत सिन्हा को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिली थी. कुछ महीने पूर्व जयंत सिन्हा ने आम लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की सार्वजनिक घोषणा की. इसके पीछे उन्होंने निजी कारण बताए थे. हालाँकि यह माना गया कि हजारीबाग से भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं देने जा रही जा रही है. इसलिए उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की. इस बीच चुनाव में जयंत की कोई सक्रियता नहीं रही. ना तो उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के लिए कैम्पेन किया और ना ही वोट डाला. जानकारों का मानना है कि यह जयंत का पार्टी के प्रति मूक रोष है. वे संभवतः नाराज चल रहे हैं इसलिए पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं. 

तमाम अटकलबाजियो के बीच अब झारखंड भाजपा ने जयंत सिन्हा को नोटिस जारी कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है. जयंत सिन्हा के पिता पहले ही भाजपा से नाता तोड़ चुके हैं. एक दौर में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी रहे यशवंत सिन्हा ने रिश्ते नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मधुर नहीं रह गए. माना गया कि इसका बड़ा खामियाजा जयंत सिन्हा को भी उठाना पड़ा. हालाँकि जयंत ने कभी भी इसे लेकर सार्वजनिक रूप से कोई बयानबाजी नहीं की. अब भाजपा के चुनाव अभियान से खुद को दूर रखने से कई तरह की नई अटकलें शुरू हो गई हैं. इन सबके बीच उन्हें दो दिनों में नोटिस पर स्पष्टीकरण देना है. 

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