हाय रे बिहार की खेल व्यवस्था! इंटर स्टेट कराटे चैंपियन खिलाड़ियों को नेशनल गेम्स भेजने से कर दिया मना, जो तर्क दिया वह और चौंकानेवाला

PATNA : बिहार में खेल प्रतिभाओं की क्या स्थिति है, यह बताने की आवश्कता नहीं है, एक खिलाड़ी होने के बाद भी तेजस्वी यादव के राजद के समर्थन से चल रही नीतीश सरकार में खेल प्रतिभाएं खुद से अपनी काबिलियत साबित करने के लिए दूसरे राज्यों की तरफ रूख कर रहे हैं। वहीं जो प्रतिभाएं बिहार में रहकर राज्य का नाम रोशन करना चाहती हैं, उन्हें भी खेल संगठनों की राजनीति का शिकार होना पड़ रहा है। ताजा मामला इंटर स्टेट कराटे में गोल्ड मेडल जीत चुके कुछ युवा खिलाड़ियों से जुड़ा है, जिन्हें सिर्फ इसलिए नेशनल गेम्स में जाने का मौका नहीं दिया जा रहा है कि क्योंकि इससे पहले वह कभी नेशनल में नहीं खेले हैं।

मामले में राजद कार्यालय में खेल मंत्री के पास इसकी शिकायत लेकर पहुंचे गोल्ड मेडल जीत चुके खिलाड़ियों ने बताया कि बीते माह दिसंबर में राज्य स्तरीय कराटे प्रतियोगिता हुई थी। जिसमें अलग अलग कैटगरी में पुरुष और महिला वर्ग में 15 खिलाड़ी गोल्ड मेडल जीते थे। लेकिन नेशनल के लिए सिर्फ आठ लोगों को भेजा जा रहा है। जबकि नियमानुसार इंटर स्टेट में गोल्ड जीतनेवाले को नेशनल गेम्स में खेलने के लिए मौका दिया जाता है। 

यूनिवर्सिटी के वीसी ने किया इनकार

 इन छात्रों ने बताया कि हम सभी पाटलीपुत्र यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। उनका कहना है कि जब हमने इस मामले में यूनिवर्सिटी के वीसी से बात की तो उनका कहना था कि नेशनल में वही जा सकते हैं. जो पहले नेशनल में कोई पदक जीत चुके हों. जबकि जिन आठ का चयन किया गया, उनमें कोई भी कराटे में पदक नहीं जीता है। फिर भी उन्हें मौका दिया गया है।

अपने खर्च पर जाने को तैयार

कराटे में इंटरस्टेट चैंपियन इन छात्रों ने बताया कि जब हमें नेशनल खेलने के लिए भेजा ही नहीं जाएगा तो कैसे मेडल जीत पाएंगे। राजद कार्यालय पहुंचे इन छात्रों ने बताया कि अगर राज्य स्तर पर हमें नेशनल खेलने के लिए नहीं भेज सकते हैं तो भी कोई शिकायत नहीं है, हम अपने खर्च पर जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन उसके लिए जो जरुरी प्रोसेस है, कम से कम वह पूरा कर दिया जाए। ताकि हम भी अपनी प्रतिभा नेशनल स्तर पर दिखा सकें।