सीएम नीतीश के गृह जिला के सदर अस्पताल के गार्ड की गुंडागर्दी, बच्चे के शव को गोद में लिए विलाप कर रहे परिजनों को दौड़ा- दौड़ा कर पीटा, उपाधीक्षक जांच की दे रहे हैं दुहाई
नालंदा- मुख्यमंत्री नीतीश जी देखिए आपके गृह जिले में बेटे के शव लेकर जा रहे परिजनों के साथ अस्पताल में कैसा व्यवहार होता है. आपके गृह जिला के सदर अस्पताल में बेटे की मौत पर विलाप की भी इजाजत नहीं है. सूबे के स्वास्थ्य विभाग के मंत्री जी देख लीजिए आपके अस्पताल के गार्ड या यू कहें की गुड़े की करतूत.. पिता का कसूर इतना था कि बच्चे के मरने के बाद वह डॉक्टरों की लापरवाही पर सवाल खड़ा कर अपना सीना पीट रहे थे. ड्यूटी पर तैनात गार्ड को शायद आपने लाइसेंस दे दिया है कि अपना सीना सदमा में आए अपनी छाती पीटने वाले लोगों को दौड़ा दौड़ा कर मारा जाए. एक सदमें में पड़े परिवार के लोगों को मार कर फिर अस्पताल में भर्ती करा दिया जाए.पीटना तो दूर आंख पर मार कर घायल तक कर दिया जाए. दिन भर के काम के बाद जरा सोचिएगा कि क्या हो रहा है आपके अस्पतालों में... क्यों संवेदनहीन हो गए हैं अस्पताल के गार्ड... वैसे अस्पताल उपाधीक्षक साहब कार्रवाई की बात कर रहे हैं, ललेकिन ये वाक्या सूबा-ए- बिहार के स्वास्थ्य विभाग के लिए नया नहीं है.
दरअसल बिहारशरीफ सदर अस्पताल में उस वक्त अफरा तफरी मच गया जब ड्यूटी पर तैनात गार्ड ने बच्चे के शव को गोद में लिए परिजनों को दौड़ा दौड़ा कर पीटने लगे. परिजनों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने कर्मियों और डॉक्टर पर लापरवाही का कारण बच्चे की मौत का आरोप लगा कलेजा पीटने लगे . बच्चे बूढ़े और महिलाओं पर भी लाठी बरसाने में जरा भी संकोच नहीं किया . मारपीट में दिलखुश कुमार के आंख में गंभीर चोट लगी .
रहुई के बरादी बरांदी गांव के अहरा खंधा में गुड्डू यादव का 8 वर्षीय पुत्र गुलशन कुमार डूब गया था . परिजनों ने तुंरत उसे पानी से निकाल कर आनन फानन में इलाज के लिए रहुई अस्पताल ले गए. जहां बच्चे की नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
बच्चों के पिता गुड्डू यादव का आरोप है कि सदर अस्पताल लाने पर ड्यूटी पर तैनात कर्मी इधर-उधर टहलाने लगे . करीब आधे घंटे बाद इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने नब्ज टटोलने के बाद मृत घोषित कर दिया . मौत की जानकारी मिलने के बाद परिजन लापरवाही का आरोप लगाकर चीख पुकार कर रहे थे इसी दौरान गार्ड ने पीटना शुरू कर दिया. घटना की जानकारी पर जानू ने परिवार के सदस्यों को दिया .मौके पर पहुंचे परिवार के सदस्यों ने मारपीट के दौरान जख्मी बच्चों को इलाज के लिए ले गए.
हंगामा की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष कुणाल कुमार अस्पताल पहुंचकर गार्ड पर कार्रवाई का आश्वासन दिया जिसके बाद उग्र परिजन शांत हुए. उन्होंने बताया कि सब का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है.
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट- राज पाण्डेय