सनातन धर्म के अपमान के लिए हुआ है I.N.D.I.A. का गठन ! सीएम नीतीश की पहल पर एकजुट विपक्षी दलों के खिलाफ रविशंकर का हमला

पटना/दिल्ली. भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि सनातन धर्म का अपमान करना ही विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का मुख्य एजेंडा है. उन्होंने तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री और डीएमके नेता पोनमुडी की टिप्पणी को सनातन विरोधी बताते हुए कहा कि उनका एजेंडा साफ हो गया है कि ये बस सनातन का अपमान करने को एकजुट हुए हैं. पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तमिलनाडु में डीएमके के शिक्षा मंत्री पोनमुडी की टिप्पणी सामने आई है. अंग्रेजी में एक कहावत है 'द कैट इज आउट ऑफ द बैग'. उन्होंने जो सोचा था वह स्पष्ट हो गया है. 

रविशंकर ने कहा कि इंडिया गठबंधन का गठन सनातन का विरोध करने और खत्म करने के लिए किया गया है. डीएमके नेता यह बात उसी 'सनातन धर्म विरोधी' कार्यक्रम में कही, जहां तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी और बाद में ए. राजा ने सनातन धर्म को "एड्स से भी बदतर" कहा था.

रविशंकर ने कहा कि उनका छिपा हुआ एजेंडा सिर्फ यही है कि सनातन धर्म का विरोध करके उन्हें वोट बैंक की राजनीति करनी है. इसलिए भाजपा कांग्रेस पार्टी और इस इंडिया गठबंधन से पूछ रही है कि क्या उन्हें किसी अन्य धर्म के देवताओं की आलोचना करने का अधिकार है? क्या उनमें साहस है? क्या वे ऐसा कर सकते हैं? वे अन्य धर्मों पर चुप रहते हैं लेकिन खुले तौर पर सनातन का विरोध करते हैं. यह दर्शाता है कि वोट बैंक की राजनीति और सनातन का अपमान करने के लिए इंडिया बना है. 

गौरतलब है कि उदयनिधि स्टालिन ने सबसे पहले सनातन विरोधी बयान दिया था. बाद में कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के अन्य दलों ने उनके बयान से खुद को किनारा कर लिया. राजद, जदयू, शिवसेना (उद्धव) आदि दलों ने इसे डीएमके नेता का व्यक्तिगत बयान कहा था. साथ ही सुझाव दिया था कि इस देश में अलग अलग धर्म को मानने वाले लोग हैं. सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए. हालांकि डीएमके के अन्य नेताओं द्वारा बार बार इस प्रकार के बयान देने का सिलसिला जारी है. अब इसी को लेकर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इंडिया गठबंधन को कठघरे में खड़ा किया है. साथ ही आरोप लगाया कि इंडिया का गठन ही सनातन के अपमान के लिए हुआ है. गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर देश के 28 विपक्षी दल एकजुट हुए हैं और अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखा है.