नीतीश राज में पर्चा लीक न हो यह असंभव ! भद्द पिटने के बाद BSSC अध्यक्ष उतरे मैदान में, मोतिहारी जाकर की पूछताछ

MOTIHARI: सुशासन राज में प्रतियोगिता परीक्षाओं का पर्चा लीक होना अब सामान्य सी बात हो गई है। प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन हो और पर्चा लीक की खबर न आये ऐसा हो नहीं सकता। पर्चा लीक होने पर हर बार सीएम नीतीश की फजीहत होती है. भद्द पिटने के बाद जांच का दिखावा होता है, फिर आश्वासन दिया जाता है कि भविष्य में ऐसी घटना नहीं होगी. इसके बाद अगली परीक्षा में फिर से पर्चा आउट होता है। यह खेल लंबे अर्से से जारी है. अब बीएसएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट हुआ तो पुरा महकमा हरकत में है। आज बिहार कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष खुद जांच करने मैदान में उतर गये। 

भद्द पिटने के बाद BSSC अध्यक्ष उतरे मैदान में

बीएसएससी परीक्षा का पर्चा आउट होने के बाद बिहार कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार आज मोतिहारी पहुंच गये। वे उस परीक्षा केंद्र पर गये जहां से पेपर लीक हुआ था. जानकारी के अनुसार वे शहर के शांति निकेतन स्कूल परीक्षा केंद्र पर जाकर केंद्र के अधीक्षक से लेकर मजिस्ट्रेट व अन्य कर्मियों से पूछताछ की और जानकारी हासिल की। हालांकि मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी। 

बिहार कर्मचारी चयन आयोग की तृतीय स्नातक स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा की पहली पाली में शुक्रवार सुबह आयोजित हो रही परीक्षा का पर्चा आउट हो गया। परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद ही प्रश्नपत्र मीडिया के पास आ गया.परीक्षा खत्म होने के बाद जब वायरल पेपर का मिलान किया गया तो वह हूबहू मिल गया। इसके बाद हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को दी गई। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने काफी हद तक सुलझा लिया है। मोतिहारी, सुपौल और पटना में कई जगहों पर छापेमारी हो चुकी है। ईओयू ने कहा है कि जिस परीक्षार्थी ने प्रश्न पत्र को आउट किया उसे सुपौल से गिरफ्तार कर लिया गया । साथ ही उसने अपने भाई के मोबाईल पर प्रश्नपत्र भेजा उसे भी गिरफ्तार किया गया है।  

6 साल पहले BSSC इंटर स्तरीय परीक्षा का पेपर हुआ था लीक

छह साल पहले BSSC (बिहार कर्मचारी चयन आयोग) इंटर स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इस मामले में तब के BSSC अध्यक्ष सुधीर कुमार, सचिव परमेश्वर राम, पेपर छापने वाले, प्रश्न पत्र सेट करने वाले से लेकर अध्यक्ष के कई परिजनों, IT मैनेजर समेत करीब तीन दर्जन को गिरफ्तार किया गया था। सुधीर करीब साढ़े तीन साल तक इस मामले में जेल में रहे थे। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें 6 अक्टूबर 2020 को जमानत मिली थी। तब पेपर लीक होने पर सरकार की भारी फजीहत हुई थी. काफी बवेला मचने के बाद पटना एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार जो उस समय बीएसएससी के अध्यक्ष थे, उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके अलावे बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी (सचिव) परमेश्वर राम को गिरफ्तार किया गया था।