बिहार में मौसम विभाग का अलर्ट, 30 मार्च से 1 अप्रैल तक खराब रहेगा मौसम, एहतियात बरतने की कि गई अपील

BUXAR. बिहार में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदलने वाला है। मौसम विभाग ने इसका अलर्ट जारी किया है। बता दें कि राज्य में 30 मार्च से लेकर 1 अप्रैल तक हल्की बारिश, मेघ गर्जन और ओला-वृष्टि होने की संभावना है। ऐसे में मौसम विभाग ने सभी से सावधानी बरतने की अपील की है। खराब मौसम के दौरान खुद को, बच्चों को और पशुओं को घर से बाहर निकलने से बचाएं।
दरअसल, भारत मौसम विज्ञान विभाग के संख्यात्मक मॉडल के विश्लेषण के अनुसार राज्य में 30 मार्च से लेकर 01 अप्रैल के दौरान मौसम पुनः सक्रिय होने की संभावना है। जिसके परिणाम स्वरूप अधिकांश जगहों में हल्के से मध्यम स्तर की बारिश (10 mm से 50 mm) होने की प्रबंल संभावना है। साथ ही साथ इस दौरान अनके स्थानों पर बिजली के साथ मेघ गर्जन एवं हवा की गति 30-40 किमी प्रति घंटे रहने तथा कुछ स्थानों पर ओला-वृष्टि होने की संभावना है। इस मौसम की गतिविधि 02 अप्रैल से सामान्य अर्थात शुष्क होने की संभावना है
किसान बंधुओं को परामर्श
मौसम विभाग ने किसान बंधुओं से भी प्रेस रिलीज के द्वारा एहतियात बरतने की अपील की है। अभी रबी फसल की कटाई का समय है ऐसे में किसान बधुओं से सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की अपील की गई है। पिछली बार भी मौसम विभाग के द्वारा यह अपील की गई थी। जिसके बाद किसान बंधुओं द्वारा सुरक्षात्मक उपाय अपनाए जाने से सकरात्मक परिणाम मिले थे।
अतः मौसम विभाग ने किसान भाइयों को पुनः सलाह दी है कि यदि फसल पक चुकी है तो उसकी कटाई कर लें तथा अपने कटे हुए फसल को पानी/नमी से बचावों हेतु सुरक्षित स्थान पर भंडारण करने की व्यवस्था करें। यदि अनाज खुले में हो तो उसे त्रिपाल आदि से ढ़कने की व्यवस्था करें।
वहीं खराब मौसम के दौरान अपने पशुधन तथा खुद को बाहर निकलने से बचाएं। साथ ही मौसम साफ होने पर ही अपने कार्यों को संपादित करें। यदि खेती में कार्य कर रहे हों और उस दौरान बिजली चमकने या मेघ गर्जन सुनाई देने लगे तो किसान भाई किसी पक्के घर में शरण ले। किसी भी परिस्थिति में पेड़ के नीचे खड़ा होने से बचे। मौसम साफ होने का इंतजार करें। मौसम के साफ होने के बाद ही घर से बाहर निकले। समान्यतः मेघगर्जन की समयवधि आधा से एक घंटे की होती है।
नोटः- विस्तृत तथा इस मौसम की अधिक जानकारी के लिए मौसम विज्ञान केन्द्र, पटना की बेवसाइट, फेसबुक तथा ट्विटर पेज को देख सकते हैं। वहीं विभिन्न फसलों पर इस मौसम कि प्रभाव पड़ने की तथा सुरक्षात्मक उपाय के जानकारी हेतु अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क कर सकते हैं।