CBI पर सवाल...चर्चित नवरूणा हत्याकांड में आरोपियों को मिली बेल

पटना : मुजफ्फरपुर नवरूणा हत्याकांड में सोमवार को पटना के सीबीआई के विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों ओर से जिरह हुई, जिसके बाद 6 आरोपियों को बेल ग्रांट कर दिया गया। बताया जा रहा है कि 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं होने के कारण सभी 6 आरोपियों को बेल मिला है।
CBI पर सवाल, कैसे मिल गया आरोपियों को बेल
अब यहां सवाल उठता है कि आखिर 90 दिनों के अंदर सीबीआई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल क्यों नहीं कर पायी ? आरोपियों को बेल मिलना सीबीआई जांच पर भी सवाल खड़े करता है। बता दें कि नवरूणा मामले की सुनवाई पटना के विशेष सीबीआई कोर्ट में हो रही है। पिछले चार साल से इस हत्याकांड की जांच सीबीआई कर रही है।
इस केस में छह बड़े रसूखदारों को गिरफ्तार कर विशेष सीबीआई कोर्ट के प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी एके दीक्षित के समक्ष पेश किया गया था, जहां से सभी को चार मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। जेल भेजे जाने वालों में जिप के पूर्व उपाध्यक्ष तीन कोठिया निवासी शाह आलम शब्बू, बेला रोड के विक्रांत कुमार शुक्ला उर्फ विक्कू शुक्ला, शिवाराम होटल के मालिक अभय गुप्ता, सूतापट्टी शीतलागली के ब्रजेश सिंह, दुर्गास्थान रोड मोतीपुर के विमल अग्रवाल व अंडीगोला रघुवंश रोड के राकेश कुमार सिंह शामिल थे।
क्या था पूरा मामला
18 सितंबर, 2012 की रात मुजफ्फरपुर के नगर थाना के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोयी अवस्था में नवरूणा का अपहरण कर लिया गया था। अपहरण के ढाई माह बाद उसके घर के पास के नाले की सफाई के दौरान एक मानव कंकाल मिला था।
जब इस कंकाल की डीएनए जांच की गयी तो यह कंकाल नवरूणा का साबित हुआ। इस मामले की पिछले चार साल से सीबीआई जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पांचवीं बार इस मामले की जांच की डेडलाइन 15 सितंबर तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को इस केस की सुनवाई के लिए स्वत: सूचीबद्ध रखा है।
प्रॉपर्टी के लालच में की गयी थी हत्या
सीबीआई के अनुसार नवरूणा की हत्या संपत्ति की खरीद-बिक्री के विवाद को लेकर हुई। गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्ध आरोपित वास्तव में नवरूणा के पिता की संपत्ति से लाभान्वित होने वालों में शामिल हैं। इसी लोभ में सभी ने साजिश रच कर इस वारदात को अंजाम दिया।