2023 संसद रत्न अवार्ड के लिए बेस्ट सांसद के नामों की हुई घोषणा, बिहार से सिर्फ एक नाम ही सूची में शामिल

PATNA : संसद के बजट सत्र के दौरान इस साल मिलनेवाले संसद रत्न अवार्ड 2023 के लिए दावेदारों के नाम जारी कर दिए गए हैं।  13 सांसदों को नॉमिनेट किया गया है। इन 13 सांसदों में आठ लोकसभा और पांच राज्यसभा के सदस्य हैं। जिसमें एक नाम राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा का भी है।

 केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस कृष्णमूर्ति की सह-अध्यक्षता में प्रतिष्ठित सांसदों और नागरिक समाज की जूरी ने सांसदों को नामित किया है। जूरी ने विशेष पुरस्कार श्रेणी के तहत विभागीय रूप से संबंधित दो स्थायी समितियों और एक प्रतिष्ठित नेता को भी नामांकित किया गया। समिति में प्रतिष्ठित सांसद और नागरिक समाज के सदस्य शाइन नेताओं का नाम शामिल है

लोकसभा से इन्हें किया गया नामांकित

संसद रत्न अवार्ड के लिए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, भाजपा के बिद्युत बरन महतो, डॉक्टर सुकांत मजूमदार, कांग्रेस के कुलदीप राय शर्मा, भाजपा के विजयकुमार गवित, गोपाल शेट्टी, सुधीर गुप्ता और एनसीपी के डॉ. अमोल रामसिंह कोल्हे को 17 वीं लोकसभा में विभिन्न श्रेणियों के तहत उनके प्रदर्शन के लिए शामिल किया गया है।

मनोज झा, जयंत सिन्हा और  फौजिया तहसीन भी नामित

राज्यसभा में 2022 में बेहतर प्रदर्शन के लिए सीपीएम के सदस्य जॉन ब्रिट्स, राजद के मनोज झा और एनसीपी की फौजिया तहसीन अहमद खान को 'वर्तमान सदस्य' श्रेणी के तहत नामित किया गया है। वहीं, विशंभर प्रसाद निषाद (सपा) और छाया वर्मा (कांग्रेस) को अपने कार्यकाल के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सेवानिवृत्त सदस्य श्रेणी के तहत नामित किया गया है।  वित्त समिति (लोकसभा समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा) और परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समिति (राज्सभा समिति के अध्यक्ष वी विजयसाई रेड्डी, वाईएसआर कांग्रेस) को 17वीं लोकसभा की शुरुआत से ही उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए नामांकित किया गया है।

डॉ.  कलाम ने की थी शुरुआत

संसद रत्न पुरस्कारों की स्थापना पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सुझाव पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले सांसदों को सम्मानित करने के लिए की गई थी। उन्होंने खुद 2010 में चेन्नई में पुरस्कार समारोह के पहले संस्करण का शुभारंभ किया। अब तक 90 सांसदों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

अवार्ड के लिए नामांकन 17 वीं लोकसभा की शुरुआत से लेकर शीतकालीन सत्र 2022 के अंत तक प्रश्नों, निजी सदस्यों के बिलों और सदस्यों की बहस के दौरान उनके प्रदर्शन पर आधारित हैं। संसद के सदस्यों के प्रदर्शन डेटा को पीआरएस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से प्राप्त किया गया है।