बाप रे...अफसर पर भारी ऑपरेटर ? DEO दफ्तर का अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर 3 फर्म बनाकर करोड़ों का ले रहा ठेका...बिना काम हो गया पेमेंट ! शिकायत के बाद जांच के आदेश
PATNA/ MOTIHARI: सुशासन राज में बड़े हाकिमों की बात छोड़ दीजिए, यहां तो अदना सा कंप्यूटर ऑपरेटर भी सबको पीछे छोड दे रहा. इस छोटे से कर्मी के आगे-पीछे अफसर नाच रहे. सीधी भाषा में कहें तो एक कंप्यूटर ऑपरेटर ने हाकिम को खरीद लिया. तभी तो उसी दफ्तर से करोड़ों का ठेका ले रहा. शिकायत भी हो रही लेकिन कोई आज तक कोई कार्रवाई नहीं. सारी शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डालकर पत्नी-भाई और पिता के नाम वाले फर्म को करोड़ों का काम देकर शिक्षा विभाग के अफसर उस कंप्यूटर ऑपरेटर को उपकृत कर रहे. यह मामला है मोतिहारी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की. यहां एक बड़े खेल का खुलासा हुआ है. अब डीडीसी के पास शिकायत पहुंची है तो जांच के आदेश दिए गए हैं.
कंप्यूटर ऑपरेटर दिवेश कुमार की सेंटिंग तगड़ी...अफसरों की मिलीभगत
उप विकास आयुक्त को दिया आवेदन में आरोप लगाया गया है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर दिवेश कुमार जो समग्र शिक्षा कार्यालय में कार्यरत है, ऐसा लगता है यह सरकारी कर्मी नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर संवेदक का काम कर रहा है. इनकी पहुंच पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और पटना के विभागीय पदाधिकारी तक है. जिसके बल पर उनकी ठेकेदार दिन-प्रतिदिन फल फूल रहा है .आवेदक अशोक कुमार ठाकुर ने डीडीसी को दिए आवेदन में आरोप लगाया है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर दिवेश कुमार के खिलाफ पहले भी कई गंभीर आरोप लगे हैं. शिक्षा विभाग के स्तर से जांच के आदेश भी दिए गए जो अब तक लंबित है.
ऑपरेटर के परिजनों के नाम पर तीन फर्मों की होगी जांच
डाटा एंट्री ऑपरेटर दिवेश कुमार पर 11 बिंदुओं पर जांच करने की बात कही गई है. जिसमें जे.जे. इंटरप्राइजेज, आरके एंटरप्राइजेज और यू.एन. इंटरप्राइजेज का नाम अंकित है . ये तीनों फर्म इनके पिता पत्नी एवं भाई के नाम पर है. हाल ही में दिवेश कुमार ने अपने सगे संबंधी जैसे भाई, पत्नी और पिता के नाम वाला फर्म समेत कई अन्य सहयोगी फॉर्म द्वारा थाली व बेंच-डेस्क की आपूर्ति करने का ठेका लिया. जिसमें कागजी खानापूर्ति कर भुगतान लेने की बात कही जा रही है. यहां तक कि उनके पिता के नाम पर संचालित आर.के. इंटरप्राइजेज के नाम पर बिना आपूर्ति के ही 46 लाख रुपए का भउगतान किया गया. इसके अलावे शिक्षा विभाग ने उनके सहयोगी फॉर्म के नाम पर 44 लाख, 49 लाख 25 हजार रुपए का अग्रिम भुगतान 31 मार्च 2024 को किया है. जबकि कोषागार संहिता में स्पष्ट निर्देश है कि बिना विपत्रों की प्रस्तुति के सरकारी खाते से किसी भी राशि की निकासी नहीं की जा सकती है. ऐसे में नियमों को दरकिनार कर बिना आपूर्ति किए करोड़ों रुपए के अग्रिम भुगतान करना यह बता रहा है कि संबंधित अधिकारी की भी इनके ठेकेदारी में हिस्सेदारी है. अधिकारी भी इनके प्रभाव में हैं.
एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश
ऐसे में दिवेश कुमार डाटा ऑपरेटर के खिलाफ जांच कर नियमानुकूल कार्रवाई करें. इस शिकायत के बाद उप विकास आयुक्त ने मोतिहारी के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल जांच करने को कहा है. डीडीसी के पत्र के बाद डीईओ मोतिहारी हरकत में आये हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी ने 14 जून को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा अभियान को जांच करने का आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर दिवेश कुमार के खिलाफ परिवाद पर जांच कर विस्तृत प्रतिवेदन सात दिनों में उपलब्ध कराएं ताकि उप विकास आयुक्त को रिपोर्ट दिया जा सके.