ओवैसी ने बढ़ा दी तेजस्वी यादव की टेंशन, लालू के पुराने फॉर्मूले को झटका देने के लिए बना लिया 'M प्लान'

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच महागठबंधन को लीड कर रहे तेजस्वी यादव का रास्ता रोकने के असदुद्दीन ओवैसी आगे आ गए हैं. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिस -ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन ने बिहार में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. ओवैसी के इस ऐलान के बाद यह माना जा रहा है कि महागठबंधन की मुसीबत कुछ बढ़ सकती है.

लालू के फॉर्मूले को तोड़ने की कोशिश
ओवैसी के विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह माना जा रहा है कि लालू के MY समीकरण में सेंधमारी हो सकती है. ओवैसी ने उन जगहों पर अपनी दावेदारी ठोकी है जहां 25 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. कई सीटों पर तो 40 से 69 फीसदी तक मुस्लिम मतदाता हैं. ओवैसी की दावेदारी के बाद महागठबंधन के सहयोगी दल लालू के माय समीकरण की टूटने की आशंका से परेशान हैं.ओवैसी की दावेदारी के बाद यह माना जा रहा है कि इससे महागठबंधन की बैचेनी बढ़ेगी तो एनडीए का राहत मिलेगी.

तेजस्वी को परेशान करेंगे ओवैसी
विधानसभा चुनाव में ओवैसी की दावेदारी से तेजस्वी सबसे ज्यादा परेशान होंगे. क्योंकि ओवैसी की पार्टी ने जिस सीटों पर दावेदारी ठोकी है उनमे से आधी से ज्यादा सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है.लेकिन ओवैसी के मैदान में उतरने से राजद और कांग्रेस सबसे ज्यादा बैचेन है. क्योंकि जिन सीटों पर ओवैसी ने दावेदारी ठोकी है उनमें एक तिहाही सीटों पर तो अकेले राजद का कब्जा है जबकि 11 सीटें कांग्रेस के खाते में हैं.

गठबंधन को तैयार पर बेकरार नहीं
ओवैसी की पार्टी की माने तो भाजपा और जदयू के खिलाफ समान विचारधारा से गठबंधन को तैयार हैं लेकिन बेकरार नहीं. पार्टी का कहना है कि हम समान विचारधारा से गठबंधन करने की कोशिश में हैं. पार्टी का मानना है कि मौजूदा सरकार से लोग नाराज हैं इसलिए हम चाहते हैं कि गैर एनडीए दलों के साथ बिहार में मजबूत मोर्चा बने. अब देखना है कि ओवैसी की पार्टी महागठबंधन की राह आसान करती है या फिर एनडीए को फायदा पहुंचाती है.