पटना के तत्कालीन DTO-क्लर्क ने भ्रष्टाचार के किये अनगिनत गुनाह! ट्रांसफऱ के बाद खुल गई गुनाहों की कुंडली,जानिए....

PATNA: पटना के DTO ऑफिस में बड़े स्तर पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. पटना के तत्कालीन डीटीओ और एक क्लर्क की मिलीभगत से बड़े स्तर पर गड़बड़ी कर करोड़ों की राशि का वारा-न्यारा किया गया है। साहब और बाबू ने मिलकर नियमों को ताक पर सुशासन को तार-तार किया। तत्कालीन डीटीओ अजय कुमार ठाकुर और लिपिक अमित कुमार गौतम की मिलीभगत से वाहन BS-4 वाहन का बिना सरकारी राजस्व के ही निबंधन किया गया । इतना ही नहीं चोरी की गाड़ी का भी निलबंधन किया गया था। वर्तमान डीटीओ ने आरोपी अधिकारी और कर्मी पर कार्रवाई के लिए राज्य परिवहन आयुक्त को रिपोर्ट किया है. मामले के खुलासे के बाद अब जाकर परिवहन विभाग ने जांच के लिए कमेटी बनाई है। लेकिन यह गुनाह कोई पहला नहीं बल्कि अब तक पटना डीटीओ दफ्तर में भ्रष्टाचार के अनगिनत खेल खेले और जिम्मेदार पद पर बैठे लोग सब कुछ चुप चाप देखते रहे।यूं कहें कि गड़बड़ करने वाले अफसर को बचाते रहे।
पानी सिर के ऊपर से गुजरने पर विभाग की खुली नींद
पानी सर के ऊपर से बहने पर परिवहन विभाग की नींद खुली है.पटना डीटीओ ऑफिस में खुलेआम गड़बड़ी की जा रही थी।लेकिन बड़े हाकिम सबकुछ चुपचाप देखते रहे। जानकार तो बताते हैं कि पटना डीटीओ दफ्तर में लूट मचाने के लिए तत्कालीन डीटीओ और उक्त कर्मी को खुली छूट दे दी गई थी।लिहाजा जितने गैर कानूनी काम हो सकते थे वे पिछले दो सालों में किये गए। तत्कालीन डीटीओ का प्रताप ऐसा था कि गड़बड़ी का खुलासे के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था।
न्यूज4नेशन ने 2018 में ही तत्कालीन DTO-कर्मी के फर्जीवाड़े की खोली थी पोल
न्यूज4नेशन ने 2018 में ही परिवहन विभाग के पटना डीटीओ ऑफिस में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया था।न्यूज4नेशन ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में खुलासा किया था कि बिना अधिकारी के आदेश और गाड़ी की जांच किये 20 हजार से अधिक वाहनों का निबंधन कर दिया गया. हैरत की बात ये रही थी कि,निबंधन के लिए ना तो MVI ने वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट दिया और ना DTO ने वाहन का निबंधन पत्र जारी करने का आदेश दिया। परिवहन विभाग के पटना कार्यालय में यह खेल काफी समय से चला आ रहा था।बावजूद इसके अधिकारी चुप्पी लगाए बैठे रहे।
न्यूज 4नेशन को जो कागजात हाथ लगे थे उसमें डीटीओ कार्यालय की पोल खुल गई .पटना के डीटीओ कार्यालय से BR01-DJ और BR01-DR सिरीज़ में हजारों RC बिना अधिकारी की अनुमति के जारी हुआ है । यह खेल पिछले कई सालों से चलते रहा. न्यूज4नेशन के हाथ जो कागजात लगे उसमें DJ नं सीरीज के 8390,8381,8385,8387,8388,8371,8379,8375,8389,8378,8373,8377 सहित कई नंबर बिना अनुमति के ही जारी किए गए.जानकारों का कहना है की DJ सीरीज में लगभग 9000 नंबर के कागजात पर एमवीआई और डीटीओ ने हस्ताक्षर नही किए। यानी बिना आदेश के ही तत्कालीन कर्मी अमित कुमार गौतम की मिलीभगत से गाडियों का निबंधन पत्र जारी कर दिए गए।
क्या है नियम
वाहन एजेंसी बेचे गए वाहन का पूरा कागजात डीटीओ कार्यालय में जमा करता है। इसके बाद डीटीओ के आदेश से एमवीआई कागजात का सत्यापन करते हैं।सत्यापन सर्टिफिकेट जारी होनेंके बाद डीटीओ उक्त गाडी का निबंधन पत्र(RC)जारी करने का आदेश देते हैं।तब जाकर किसी गाडी का निबंधन होता है । दरअसल रजिस्ट्रेशन के नाम पर परिवहन कार्यालय में बड़ा गोरखधंधा होता है ।इसमें कार्यालय के कर्मी और दलाल की मिलीभगत कर बड़ी राशि की उगाही होती है ।इस काम में स्थानीय DTO का संरक्षण मिला होता है । इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद विभागीय मंत्री से लेकर बड़े हाकिम तक ने जांच कर कार्रवाई की बात कही थी।लेकिन तत्कालीन डीटीओ और कर्मी के खिलाफ कोई जांच नहीं हुई।