पटना हाईकोर्ट ने बीडीएस के छात्र आर्यन की याचिका पर की सुनवाई, डीसीआई से संस्थान के खिलाफ तथ्यों की मांगी जानकारी

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने बीडीएस छात्र के चरित्र प्रमाण पत्र एवं इंटर्नशिप सर्टिफिकेट में उसके आचरण को ग़लत बताने के मामले में डेंटल काउंसिल ऑफ़ इंडिया को बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेस एंड हॉस्पिटल संस्थान के ख़िलाफ़ मिले तथ्यों को अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष रखने का आदेश दिया है। जस्टिड राजीव रंजन प्रसाद ने बीडीएस की पढ़ाई पूरी कर चुके छात्र आर्यन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशांत सिन्हा ने अदालत को बताया कि आर्यन ने पटना के बेली रोड स्थित बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेस एंड हॉस्पिटल में बीडीएस स्ट्रीम में 2012-2017 सत्र के लिए दाख़िला लिया था। कोर्स में उत्तीर्ण होने के बाद वर्ष 2019 में जब  उसे उक्त कॉलेज ने चरित्र प्रमाण पत्र एवं इंटर्नशिप सर्टिफिकेट दिया गया,तो साधारण टिप्पणियों के कॉलम में लिखा हुआ था कि “छात्र जीर्ण अनियमित था , उसका फैकल्टी ऐवं मरीज़ों के विरुद्ध झगड़ालू रवैया था और इंटर्नशिप के दौरान उसका आचरण खराब था “। 

कॉलेज की गई इन टिप्पणियों को चुनौती देते हुए उसने वर्ष 2019 में ही हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान डेंटल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट को बताया कि बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेस संस्थान को किसी न किसी आधार पर छात्रों से पैसा वसूलने की आदत है। 

कॉलेज के ख़िलाफ़ कई शिकायतें मिली हैं और यह संस्थान वास्तव में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को बदनाम कर रहा है। इस पर हाईकोर्ट ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया को कॉलेज के विरुद्ध तमाम अभिलेख कोर्ट के समक्ष रखने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21अगस्त,2023 को होगी ।