पटना हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सालयों के संबंध में दायर अवमानना वाद पर की सुनवाई, राज्य सरकार के कार्रवाई पर जताई नाराजगी

पटना हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सालयों के संबंध में दायर अवमानना वाद पर की सुनवाई, राज्य सरकार के कार्रवाई पर जताई नाराजगी

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य के पशु चिकित्सालयों में प्रतिदिन चौबीस घंटे चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराए जाने के सम्बन्ध में दायर अवमानना वाद पर राज्य सरकार द्वारा विलम्ब से कार्रवाई किये जाने पर सख्त रुख अपनाया। जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने विकास चंद्र उर्फ़ गुड्डू बाबा के अवमानना वाद पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को याचिकाकर्ता को कानूनी खर्च के एवज में बीस हजार रुपये देने का निर्देश दिया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विकास चंद्र उर्फ़ गुड्डू बाबा की इस अवमानना वाद पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता विकास चंद्र उर्फ़ गुड्डू बाबा के प्रयासों की भूरि भूरि सराहना करते हुए इसे बेज़ुबान जानवरों के लिए महत्वपूर्ण माना। कोर्ट को राज्य सरकार की ओर से की गयी कार्रवाईयों का ब्यौरा दिया। राज्य सरकार ने बताया कि राज्य में पशुओं की चिकित्सा के पूरे सप्ताह चौबीस घंटे क्लिनिकों की व्यवस्था की गयी है। कोर्ट को बताया गया कि राज्य में 40 पशु चिकत्सालयों के लिए चिकित्सकों और कर्मचारियों को पदस्थापित किया जा चुका है।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट के आदेश के पालन में छह वर्ष लगा दिये गये। ये अदालती अवमानना का मामला है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा कार्रवाईयों  का ब्यौरा देने के बाद अवमानना वाद को समाप्त कर दिया। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि राज्य के इन पशु चिकित्सालयों में कितने चिकित्सक,कर्मचारी व अन्य स्टाफ है। साथ ही इन पशु चिकित्सालयों में क्या क्या सुविधायें उपलब्ध कराई गयी है। पूर्व की सुनवाई में  राज्य सरकार ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में कोर्ट को बताया था कि वह पूरे राज्य के पशु चिकित्सालयों में चौबीस घंटे चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई की है। इसके लिए राज्य सरकार ने सभी पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों, कर्मचारियों की नियुक्ति की है।

राज्य सरकार की ओर से  कोर्ट को बताया गया कि सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्रवाई की है। पूर्व में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के पशुपालन विभाग के निदेशक को संबंधित रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की अवमानना वाद पर सुनवाई करते हुए निदेशक को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था। कोर्ट को राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में  ही 24 घंटे पशु चिकित्सालयों में चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने का अश्वासन दिया था। लेकिन आदेश का पालन नहीं किये जाने पर अवमानना याचिका दायर किया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने अवमानना वाद समाप्त करते हुए मामले को निष्पादित कर दिया।