Pitru Paksha 2024 यहां पिंडदान करने के बाद सर पर जल छिड़कने और स्नान करने का है विधान, पितरों को जन्म मरण से मिल जाता है छुटकारा

Pitru Paksha 2024 यहां पिंडदान करने के बाद सर पर जल छिड़कने और स्नान करने का है विधान, पितरों को जन्म मरण से मिल जाता है छुटकारा

Pitru Paksha गया शहर के पिता महेश्वर के पास उत्तर मानस सरोवर में पितृपक्ष के द्वितीया तिथि को पिंडदान व तर्पण किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां पिंडदान करने पर पितरों को जन्म मरण से छुटकारा मिल जाता है. इसके साथ ही सूर्य को नमस्कार करने से पितरों को सूर्यलोक की प्राप्ति होती है. इससे पहले उतर मानस में जाकर आत्म शुद्धि के लिए स्नान करें. उसके बाद तर्पण करके पिंडदान करें.


त्रिपाक्षिक श्राद्ध करने वाले तीर्थ यात्री द्वितीया तिथि को उत्तर मानस घाट पर पिंडदान का विधान है. ऐसी मान्यता है कि  इस दिन पितर उतर मानस में आकर अपने पुत्रों का इंतजार पिंडदान के लिए करते हैं. जब उनके पुत्र यहां आकर पिंडदान करते हैं तो वह काफी प्रसन्न होते हैं.उत्तर मानस तीर्थ की विशेषता यह है कि यहां पूर्वजों के निमित्त बनाएं 

पिंड विभिन्न अन्न से तैयार किए जाते हैं. कहा जाता है कि अन्न का स्वाद भगवान सूरज की किरणें ही खींचकर पिंडदान करने वाले के पूर्वजों तक पहुंचाता है, चाहे वह जिस भी योनि में हो वहां तक पहुंचाने का काम भगवान भास्कर के किरणों का है.


माना जाता है कि उत्तर मानस में पिंडदान से जुड़े कार्य करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितृ काफी प्रसन्न होते हैं. उनकी प्रसन्नता से घर में खुशहाली आती है और उन्नति के कार्य आरंभ होते हैं. उत्तर मानस के अलावा उदीची, कनखल, दक्षिण मानस और जिहवा लोल पिंड वेदियों पर पिंडदान का कर्मकांड करना चाहिए. विष्णुपद मंदिर के पास दक्षिण मानस पिंड वेदी स्थित है. 17 दिवसीय पितृपक्ष मेले के तीसरे दिन यहां पर कर्मकांड करने का विधान है. मान्यता के अनुसार सूर्य कुंड सरोवर में तर्पण करने से पितरों को सूर्यलोक की प्राप्ति होती है. इस साल 19 और 20 सितंबर दोनो दिन तीर्थ यात्री द्वितीया तिथि को इन पिंड वेदी पर पिंडदान करेंगे.

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