बिहार के इन 18 जातियों पर पीएम मोदी मेहरबान,विश्वकर्मा योजना का मिलेगा जबर्दस्त लाभ,1 लाख से लेकर 2 लाख रुपए तक दिए जायेंगे...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना लॉन्च कर दी है. इसके तहत तमाम कौशल वाले कारीगरों को ट्रेनिंग और लोन दिया जाएगा. इस योजना को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि मोदी सरकार इससे एक बड़े वर्ग को साधने की कोशिश भी कर रही है. इस योजना के तहत मिट्टी का काम करने वाले, जूते-चप्पल बनाने वाले और कपड़े सिलने जैसे कुल 18 पारंपरिक कारोबारों को विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी देकर पहचान दी जाएगी.  इस योजना से देश का एक बड़ा कामगार वर्ग लाभान्वित होगा जो कि अभी तक चिह्नित नहीं किया जा सका है. पीएम मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ऐलान किया था कि पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की जाए. अब इसे विश्वकर्मा पूजा के दिन ही शुरू किया गया.

वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का ऐलान किया था। योजना में 13000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं.  विश्वकर्मा योजना की लॉन्चिंग के मौके पर देश के चुने गए 70 स्थानों पर 70 मंत्री मौजूद रहे.  

देशभर में बाल काटने वाले, कपड़े सिलने वाले, जूते बनाने वाले, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले और मिस्त्री का काम करने वाले करोड़ों लोग ऐसे हैं जो किसी सेक्टर में औपचारिक तौर पर नहीं गिने जाते हैं. पीएम मोदी ने इन्हीं को पहचान देने के लिए विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से न सिर्फ इन कारीगरों को पहचान दी जाएगी बल्कि उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग, सर्टिफिकेट और उद्यम के लिए आर्थिक सहायती भी दी जाएगी.

इसमें किसी गारंटर की जरूरत नहीं होगी. पीएम मोदी ही गारंटी देंगे. उन्होंने कहा कि यह टूल्स मेड इन इंडिया ही होने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं, तो शुरुआती पूंजी की दिक्कत न आए सरकार ने इसका भी ख्याल रखा है. इस योजना के तहत विश्वकर्मा साथियों को बिना गारंटी मांगे 3 लाख रुपये तक का कर्ज मिलेगा. पीएम मोदी ने कहा कि जब बैंक आपसे गारंटी नहीं मांगती है तो आपकी गारंटी मोदी देता है. 

इस योजना के तहत शुरुआत में 18 तरह का काम करने वालों को चिह्नित किया गया है. इसमें शामिल हैं:- बढ़ई, नाई, सुनार, मोची, धोबी, दर्जी, राजमिस्त्री, कुम्हार, लोहार, हथियार बनाने वाले, नाव बनाने वाले, हथौड़ा और औजार बनाने वाले, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार, टोकरी और चटाई की बुनाई करने वाले, गुड़िया और खिलौना बनाने वाले, माला बनाने वाले और मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले.


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