चार महीने पहले हुए भोजपुरी एक्ट्रेस की मौत की जांच पुलिस ने की बंद, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई थी हत्या की पुष्टि
BHAGALPUR : लगभग चार महीने पहले 27 अप्रैल को भोजपुरी एक्ट्रेस अमृता पांडेय की संदिग्ध स्थिति में मौत हुई थी। जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि अमृता की गला घोंटकर हत्या की गई थी। वहीं चार महीने तक पुलिस इसे आत्महत्या मानती रही और अब फाइनली इस केस की जांच बंद करने का फैसला लिया गया है। ऐसे में किन कारणों से जांच बंद करने का फैसला लिया गया, इस पर सवाल खड़े हो गए हैं.
पुलिस ने पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उस पर सवाल खड़ा किया। उसे मेडिकल बोर्ड के पास भेजा। बताया जाता है कि दुबारा रिपोर्ट आने के बाद केस के आईओ शक्ति पासवान रिपोर्ट को लाने के लिए नहीं गए। सिर्फ मौखिक रूप से रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मेडिकल बोर्ड ने भी हत्या की पुष्टि
बताया जा रहा है कि पुलिस की मांग पर मेडिकल बोर्ड ने ऑब्जर्वेशन के बाद फिर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पहले वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिल्कुल सही है। अभिनेत्री की गला दबा कर ही हत्या की गई थी। फोरेंसिक विभाग के एक डॉक्टर ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर बताया कि ऐसा संभव नहीं है कि पहली बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात है, तो दूसरी बार वह आत्महत्या में बदल जाएगी।
जोगसर पुलिस करती रही टालमटोल
एक एक्ट्रेस की हत्या को लेकर पुलिस कितनी गंभीर रही कि मेडिकल बोर्ड से अभी तक रिपोर्ट कलेक्ट नहीं की गई है। सिर्फ जांच अधिकारी ने मौखिक जानकारी हासिल की। वहीं दूसरी जोगसर थानाध्यक्ष ने भी केस की प्रगति रिपोर्ट पर कोई अपडेट लेना जरुरी नहीं समझा।
ऐसे में पुलिस की जांच पर सवाल उठ रहे है। मोबाइल की जांच में कुछ नहीं मिला था। पुलिस को अमृता के मोबाइल से भी कोई सुराग नहीं मिला है। जोगसर थानेदार केएनके सिंह ने बताया कि अभिनेत्री के मोबाइल को जांच के लिए एफएसएल को भेजा गया था। लेकिन, उससे कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी।
सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर अभिनेत्री की हत्या किसने की थी। क्योंकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अभिनेत्री की गला दबाकर हत्या की गई थी। उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए फंदे के सहारे लटका दिया गया था। हालांकि, पुलिस अब भी इसे खुदकुशी ही मान कर चल रही रही है।
वहीं जब पुलिस की जांच बंद होने को लेकर सिटी एसपी मिस्टर राज से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि संबंधित पदाधिकारी से रिपोर्ट की जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मौत से चार घंटे पहले लगाया था स्टेटस
अमृता ने मौत से करीब चार घंटे पहले स्टेटस लगाया था। जिसमें लिखा था कि उसकी जिंदगी दो नाव पर सवार थी। हमने अपनी नाव डूबा के उसका सफर आसान कर दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अमृता ने यह स्टेटस किसके लिए लगाया था। हालांकि, बाद में परिवार ने बताया था कि अमृता को ओसीडी (ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर) था। इसी से परेशान होकर उसने खुदकुशी कर ली है।