सीआईएसएफ में इंस्पेक्टर से सहायक कमांडेट बनने के लिए योग्यता पांच साल तय, लेकिन करना पड़ रहा है 19 साल का इंतजार, अब हाईकोर्ट ने मामले में दिया बड़ा आदेश

सीआईएसएफ में इंस्पेक्टर से सहायक कमांडेट बनने के लिए योग्यता पांच साल तय, लेकिन करना पड़ रहा है 19 साल का इंतजार, अब हाईकोर्ट ने मामले में दिया बड़ा आदेश

NEW DEHLI : किसी नौकरी में लगभग दो दशक की नौकरी के बाद पहला प्रमोशन मिलता है तो यह सीधे सीधे व्यवस्था में खामियों को उजागर करता है। देश के प्रमुख अर्द्धसैनिक बल ऐसी ही स्थितियों से गुजर रहा है। अर्द्धसैनिक बलों में विभिन्न वर्गों में पदोन्नति को लेकर बड़ा संकट है। कैडर रिव्यू और पदोन्नति को लेकर अदालतों में मामले चल रहे हैं। सीआरपीएफ और बीएसएफ में सिपाही से लेकर निरीक्षक तक और कैडर अफसर, खासतौर पर सहायक कमांडेंट, पदोन्नति के लिए परेशान हैं। 

ताजा मामला, सीआईएसएफ का है। दिल्ली हाईकोर्ट ने गत सताह सीआईएसएफ में इंस्पेक्टर (एग्जीक्यूटिव) और सहायक कमांडेंट (एग्जीक्यूटिव) की पदोन्नति को लेकर अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के समक्ष बताया गया कि सीआईएसएफ में इंस्पेक्टर से सहायक कमांडेंट बनने की योग्यता 5 वर्ष है, मगर पदोन्नति मिलने में 19 साल लग रहे हैं। 

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस शैलेंद्र कौर की खंडपीठ ने गृह मंत्रालय/सीआईएसएफ को आदेश दिया है कि चार माह में पदोन्नति के रास्ते खोजें। इस मामले में यूपीएससी/डीओपीटी के द्वारा समय-समय पर जारी कार्यालय ज्ञापन के आधार पर मामले का निपटारा करें। 

कोर्ट ने कहा कि पदोन्नति के मामले में इतना लंबा ठहराव, नजरअंदाज नहीं कर सकते। रेस्पोंडेंट के जरिए एग्जीक्यूटिच कैडर में सीआईएसएफ को कहा गया है कि वह पदोन्नति के नए रास्ते खोजें। चार माह के अंदर यह काम पूरा करो। इसके बाद भी कोई परेशानी आती है तो हमें बताएं। इस मामले में संसदीय कमेटी की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है।

इंस्पेक्टर की याचिका पर सुनवाई

सीआईएसएफ में याचिकाकर्ता दिवाकर पांडे एवं अन्य के मामले में यह फैसला सुनाया गया है। अदालत के समक्ष कहा गया है कि इंस्पेक्टर से सहायक कमांडेंट बनने में लंबा वक्त लग रहा है। पदोन्नति में ठहराव आ गया है। सरकार की तरफ से पदोन्नति न होने का एक कारण यह भी बताया गया कि सहायक कमांडेंट की वैकेंसी कम हैं, इसलिए इंस्पेक्टर की पदोन्नति में 19 से 20 साल का वक्त लग रहा है। नियमानुसार, पांच साल में इंस्पेक्टर, पदोन्नति के लायक हो जाता है। 

सरकारी पक्ष के वकीलों ने कहा, कैडर रिव्यू हो रहा है। तीन सप्ताह में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि यूपीएससी/डीओपीटी के नियमों के अनुसार, इस प्रक्रिया को पूरा किया जाए। यूपीएससी/डीओपीटी द्वारा इस संबंध में समय-समय पर कार्यालय ज्ञापन जारी किए जाते हैं। 

क्या है मामला

दरअसल सीएपीएफ ने असिस्टेंस कमांडेंट की भर्ती की अधिसूचना 18 अगस्त 2020 को जारी की थी और दिसंबर में लिखित परीक्षा आयोजित हुई। अगले साल 8 फरवरी 2021 को रिजल्ट आया। भर्ती के लिए आईटीबीपी नोडल एजेंसी थी। रिजल्ट के बाद 27 अप्रैल 2022 को अभ्यर्थियों को पता चला कि वे सीआईएसएफ में सहायक कमांडेंट बनेंगे। अब इन अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग लेटर मिलना था, लेकिन 26 अप्रैल 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट में एक केस हो गया और तब से इन 69 भावी अधिकारियों का करियर अधर में लटक गया है।

यह केस पदोन्नति को लेकर सीआईएसएफ के कनीय अधिकारी दिवाकर पांडे और अन्य ने किया है। बल में पदोन्नति के आधार पर एसआई से सीधे असिस्टेंस कमांडेंट बनाने की मांग को लेकर यह केस दायर किया गया था। इसके लिए जो परीक्षा होती है, उसे भी यूपीएससी लेती है। इस केस मेंदि ल्ली हाईकोर्ट ने 7 अक्तूबर 2022 को भर्ती प्रक्रिया पर ही स्टे लगा दिया, जिसकी जद में सीधी भर्ती के जरिए एसी और एसी/जेएओ से डीसी/ईएक्सई बनने वाले और एलडीसीई रिक्रूटेड भी आ गए। हालांकि जब यह केस हुआ था, तब सीधी भर्ती से एसी बनने वालों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।

इस बीच सीआईएसएफ ने अपनी वेबसाइट पर यह सूचना डाल दी कि दिवाकर पांडे केस के कारण 'एसी' की भर्ती प्रक्रिया लंबित है। इस मामले में 21 दिसंबर 2022 को फाइनल सुनवाई होनी थी, लेकिन सीआईएसएफ की ओर से कोई जवाब पेश नहीं किया गया। 

अब दूसरी जगह तलाश रहे हैं नौकरी

सीआईएसएफ में नियुक्ति पत्र मिलने का इंतजार कर रहे कई उम्मीदवार तो अब दूसरी नौकरी तलाशने लगे हैं। ज्यादातर उम्मीदवार 25 साल की उम्र पार कर गए हैं। उम्मीदवारों का कहना है कि अगस्त 2020 में जब भर्ती निकली थी, तब जो 24 साल के थे, अब वे 27 के पार जाने वाले हैं। उम्मीदवारों का कहना हैं, जब भी पूछा जाता है तो फाइल गृह मंत्रालय में होने की बात कह दी जाती है। ज्वाइनिंग में देरी से उनका सर्विस पीरियड कम हो रहा है। कुछ उम्मीदवारों ने अपना खर्च निकालने के लिए ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया है। कई उम्मीदवार पुलिस और अन्य जगह जॉब तलाशने लगे हैं।

तीन साल से है इंतजार

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित केंद्रीय सशस्त्र बल सीआईएसएफ के 69 भावी सहायक कमांडेंट (एसी) चयन की सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी पिछले 3 साल से ज्वाइनिंग के लिए चक्कर काट रहे हैं, जिससे बल के इन भावी अधिकारियों का करियर शुरू होने से पहले ही अधर में लटक गया है। वहीं इस पूरे मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय चुप्पी साधे हुए हैं और इन भावी अधिकारियों को कोई सही जवाब भी नहीं दे रहा है।


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