अगजा के दिन विधानसभा का सत्र रखने पर भड़के नेता प्रतिपक्ष, कहा - राजद-माले के इशारे पर तुष्टिकरण की हो रही है राजनीति

PATNA : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के सुझाव की अवहेलना कर संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव और राजद के दबाव पर हिन्दुओं के पर्व आगजा के दिन सदन के संचालन के निर्णय का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि राजद, माले के दबाव में तुष्टिकरण की नीति के तहत ऐसा निर्णय लिया गया है।

 उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में अमूमन नेता प्रतिपक्ष के प्रस्ताव और सुझाव पर निर्णय लिए जाते हैं, मगर विधान सभा अध्यक्ष ने राजद और माले के महबूब आलम के प्रस्ताव पर 10 मार्च, शुक्रवार को सदन में अवकाश रखने और 07 मार्च, अगजा के दिन सदन की कार्यवाही संचालित करने का निर्णय लिया है। इसके पहले कांग्रेस के अजीत शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में 07 मार्च, अगजा के दिन सदन की कार्यवाही बंद करने का सुझाव दिया था।

 उन्होंने कहा कि सुझाव में यह भी कहा गया था कि अगजा के दिन प्रेस और मीडिया के अन्य उपक्रम भी अमूमन बंद रहते हैं, ऐसे में सदन के संचालन का कोई औचित्य नहीं होगा। अगर 10 मार्च को सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है तो 07 मार्च को भी कर देना चाहिए। मगर राजद और माले के दबाव पर इन सुझावों को नहीं मान कर केवल 10 मार्च को सदन की कार्यवाही स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।