भ्रष्टाचार की 'गंगोत्री' में डूबकी लगा रहे DEO दफ्तर के अफसर-कर्मी ! सरकारी स्कूलों में भेजी गई खेल सामग्री की राशि पर 'माफियाओं' की नजर, HM पर बना रहे दबाव

MOTIHARI: सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए भेजी गई सरकारी राशि पर सरकारी सेवक अपना अधिकार समझते हैं. योजनाओं के पैसे से अधिकारी-कर्मी मालामाल होते हैं और जिनके लिए पैसा भेजा जाता है उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता. पूर्वी चंपारण शिक्षा विभाग में जमकर लूट मची है. पिछले साल मोतिहारी में नौनिहालों का निवाला घोटाला कर जिम्मेदार लोग मस्त रहे. स्कूल में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के नाम पर शिक्षा विभाग के कर्मी-अधिकारी खिलौना राशि डकार गए. यूं कहें कि बच्चों के खिलौना से सरकारी सेवक खेल गए।  मामला संज्ञान में आने के बाद भी आज तक माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। लिहाजा संलिप्त लोगों का मन और बढ़ गया. अब एक बार फिर से घोटाले की नींव पड़ गई है.  

खेल सामाग्री पर माफियाओं की नजर 

मोतिहारी के सरकारी स्कूलों की खेल सामग्री पर माफियाओं की नजर है. सरकार द्वारा भेजी गई राशि पर शिक्षा विभाग के माफियाओ की गिद्ध नजर लगी हुई है. बताया जाता है कि हाईस्कूल के लिए 25 हजार, मिडिल स्कूल के लिए 10 और प्राईमरी स्कूलों में 5 हजार रू की राशि खेल सामाग्री के भेजी गई है. डीपीओ एसएसए व डीईओ कार्यालय में कार्यरत कई कर्मी अपने अपने सगा संबंधी के नाम पर वेंडर का लाइसेंस लेकर खेल सामग्री बिक्री करने में जुटे हैं । माफियाओं की करतूत से  जिले भर के हाई स्कूल के एचएम परेशान हैं । हाई स्कूल के एचएम कार्यालय कर्मियों के फोन आने से परेशान हैं ।डर से वे खुलकर नहीं बोल रहे. आखिर एचएम किसके आदेश का पालन करें? एक कर्मी की बात मानेंगे तो दूसरे नाराज हो जायेंगे. विभाग के इस खेल से खेल सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजमी है । पूर्व में भी डीपीओ एसएसए कार्यालय कर्मियों पर पत्नी,पिता पुत्र के नाम पर वेंडर का लाइसेंस लेकर स्कूल में उपस्कर बिक्री कर भारी घोटाला का आरोप लग चुका है । इसको लेकर दर्जनों आवेदन भी पड़े । लेकिन कार्यालय में माफियाओ की इतनी पकड़ है कि उसपर कोई कार्रवाई नही हों सकी । जिससे माफियाओं की मनोबल सातवें आसमान पर पहुंच गया है. पूरे खेल में अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नही किया जा सकता । 

पूरा मामला मोतिहारी डीपीओ एसएसए कार्यालय में खेल सामग्री क्रय से जुड़ा है। डीपीओ एसएसए कार्यलय कर्मियों के फोन से अधिकांश स्कूल के एचएम परेशान हैं । कभी कोई कर्मी तो कभी दूसरा कर्मी एचएम को फोन कर उसी से खेल सामग्री क्रय करने के लिए दबाव बना रहे हैं । कार्यालय कर्मी एचएम को फोन कर उसके वेंडर से खेल सामग्री क्रय करने के दबाव बना रहे है ।वैसे यह खेल पुरानी है. पहले भी हाई स्कूल उपस्कर वितरण में भारी गड़बड़ी को लेकर जिला सुर्खियों में रहा है। कई बार शिकायत के बाद भी अधिकारियों के इस खेल में शामिल होने के कारण आजतक  माफियाओ पर कार्रवाई नही हुई । 

क्या कहते हैं डीईओ 

इस संबंध में डीईओ संजय कुमार ने बताया कि इसकी जानकारी उनको नही है । अगर कोई एचएम लिखित आवेदन देते हैं तो कार्यालय कर्मी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी. 

Editor's Picks