बिहार में नहीं थम रहा पुलों के 'जलसमाधि' लेने का सिलसिला, सारण में एक दिन में ही दो पुल हुए धाराशायी
CHAPRA : सूबे में पुल टूटने की घटनाएं रूकने का नाम ही नहीं ले रही है। इसमें अब एक और नया नाम सारण जिले का भी जुड़ गया है। बुधवार को सारण जिले में एक ही दिन दो पुल टूटकर धाराशाई हो गए। सारण जिले में दोनों पुल टूटने की घटनाएं जिले के जनता बाजार थाना क्षेत्र की है।
पहली घटना जहां जनता बाजार स्थित ढोढनाथ मंदिर के समीप की है। जहां मंदिर के समीप नदी पर बना एक पूल मंगलवार को टूटकर धाराशाई हो गया। वहीं दूसरी घटना भी जनता बाजार थाना क्षेत्र के सारण गांव की है। जहां भी बुधवार को एक पुल टुटकर धाराशाई हो गया। विदित रहे कि सारण जिले में सोमवार से ही मानसून मेहरबान हुआ है और सोमवार से ही सम्पूर्ण जिले में मानसून की बरसात हो रही है। इस सिजन की पहली बरसात में ही जिले के जनता बाजार थाना क्षेत्र में एक ही दिन दो पूल का टुटना कई तरह के सवाल पैदा करता है। हालांकि पुल टूटने के समय पुल पर आवागमन नहीं होने के कारण जान माल की क्षति नहीं होने की खबर है।
वहीँ सारण के पडोसी जिले सिवान में भी तीन पुलों ने 12 घंटे के अंदर जलसमाधि ले ली है। कुछ दिन पहले भी यहां पुल गंडक नदी में समा गया था। वहीं आज यानी बुधवार को भी जिले के महाराजगंज अनुमंडल के पटेड़ा गांव स्थित देवरिया गांव न गंडक नदी पर बना पूल अचानक गिर गया। पुल गिरने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है और पुल की कभी मरम्मत नहीं हुई है। इस कारण यह पुल आज टूट गया. लोगों का कहना है कि 35 से 40 वर्ष पुराना यह पूल था। सैकड़ों लोगों का आने-जाने का मात्र एक ही साधन था। दूसरा पुल महाराजगंज प्रखंड के तेवथा पंचायत में गिरा है। नौतन व सिकंदरपुर गांव के बीच बना पुल गिर गया। वहीं तीसरा पुल गंडक नदी पर धमई गांव में बना था वह भी टूट गया है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन पहले इसकी मरमत भी हुई थी उसके बाद भी यह पुल टूट गया है। पानी के तेज बहाव के कारण ध्वस्त होना बताया जा रहा है।
वहीं दूसरी घटना बिहार के सीतामढ़ी का है। जहां पुरन्दाहा राजबाड़ा से दलकावा नरकटिया इंदरवा आने वाले मुख्य सड़क में दुर्गा मंदिर के समीप अधवारा समूह के बांके नदी में बने पुल का बीच का पाया पानी के तेज बहाव के चलते गिर गया है। वहीं अब बड़े वाहनों के चालक जान हथेली पर लेकर वाहन के साथ पुल पार कर रहे हैं। उनका कहना है कि बड़ी वाहनों को आने-जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़े वाहन जाने से कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकता है।
दरअसल, भारत नेपाल सीमा सोनबरसा प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले अधवारा समूह के सभी नदियों में जलस्तर में कमी आई है और पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। वहीं इस तरह के लगातार पुल गिरने से सरकार के प्रति सवाल उठने लगा है। बता दें कि पिछले 13 दिनों में बिहार में 7 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 18 जून को अररिया में निर्माणाधीन पुल गिरा था। सिवान में 22 जून को पुल गिरने का मामला सामने आया। 23 जून को मोतिहारी में पुल गिरा। किशनगंज में 27 जून को पुल गिरने की घटना सामने आई। वहीं, अब 28 जून को मधुबनी में भी पुल गिरने की घटना सामने आई है। वहीं 30 जून को किशनगंज में ठाकुरगंज के पथरिया पंचायत स्थित खोशी डांगी गांव में स्थित एक पुल का पिलर ध्वस्त हो गया। जिसके बाद आज यानी 3 जुलाई को सिवान में एक और पुल नदी में समा गया तो वहीं सीतामढ़ी में पुल का पाया बह गया।
छपरा से शशि की रिपोर्ट