जगदम्बा हिंदी पुस्तकालय बड़हिया के शताब्दी समारोह में हुए विविध साहित्यिक आयोजन, विजय सिन्हा ने की विकास मद में 10 लाख देने की घोषणा

लखीसराय. श्री जगदम्बा हिंदी पुस्तकालय, बड़हिया का शताब्दी पर्व 23 एवं 24 अप्रैल को मनाया गया. दो दिवसीय समारोह में विविध प्रकार के साहित्यिक आयोजन हुए. शताब्दी समारोह में पहुंचे बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह उनके लखीसराय विधानसभा क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है कि हमारे यहां पुस्तकालय ने सौ साल पूरे किए हैं. यह हमारे पूर्वजों की दूरदर्शी सोच का परिचायक है. उन्होंने उस काल में बड़हिया में शिक्षा को सशक्त करने के लिए पुस्तकालय के रूप में जिसका बीजारोपण किया वह 100 साल बाद आज नजीर बन चुका है.
विजय सिन्हा ने कहा कि श्री जगदम्बा हिंदी पुस्तकालय, बड़हिया की ऐतिहासिक महत्ता रही है. इसे और ज्यादा सुविधा संपन्न बनाने के लिए उन्होंने 10 लाख रुपए का फंड विकास योजनाओं के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा की. साथ ही पुस्तकालय में विविध शैक्षिक सुविधाओं के लिए सहयोग उपलब्ध कराने की बात कही.
दो दिवसीय आयोजन में प्रभात फेरी, विचार गोष्ठी, कवि सम्मेलन, कहानी पाठ, संगीत संध्या आदि में कई ख्यातनाम कवियों, संगीतकारों और साहित्यकारों ने भाग लिया. वहीं उद्घाटनकर्ता पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन ने कहा कि बड़हिया का यह पुस्तकालय बिहार के लिए गौरव का विषय है. पुस्तकालय को और अधिक समृद्ध बनाने के लिए उन्होंने इसे ई-लाइब्रेरी के तर्ज पर विकसित करने का सुझाव दिया . साथ ही लोगों से अपील की कि वे पुस्तकालयों में किताबें खरीद कर दें.
कार्यक्रम संचालक लोकप्रिय लेखक रत्नेश्वर सिंह ने बताया कि बिहार में खुदा बख्श लाइब्रेरी और पटना विश्वविद्यालय के पुस्तकालय के बाद वर्ष 1923-24 में श्री जगदम्बा हिंदी पुस्तकालय, बड़हिया की स्थापना हुई थी. इसे आधुनिक बिहार में तीसरे सबसे पुराने पुस्तकालय का गौरव प्राप्त है. 100 वर्ष का स्वर्णिम इतिहास इसके साथ जुड़ा है. इस अवसर पर मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सहित लखीसराय के जिलाधिकारी आदि उपस्थित रहे.