जब प्लॉस्टिक का जूता और लाल मोजा पहन पर संसद पहुंचे थे सांसद महेंद्र नारायण सरदार, गेट पर हीं संतरियों ने रोका तो...
अररिया- लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. तमाम दल एक दूसरे को शिकस्त देने के लिए रणनीति बना रहे हैं तो एक सांसद ऐसे भी थे जिन्हें अपने वेश भूषा के कारण संसद में प्रवेळ करने से संतरियों ने रोक दिया था. आपात काल के बाद जेपी की हवा में कांग्रेस उड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डुमरलाल बैठा को साल 1977 में महेंद्र नारायण सरदार से शिकस्त दी थी. अररिया से चुनाव जीतने के बाद महेंद्र नारायण सरदार जब देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचे तो उनके वेश- भूषा को देख कर दरवाजे पर हीं संतरियों ने रोक दिया.
साधारण वेशभूषा में रहने वाले महेंद्र नारायण सरदार पटना से ट्रन से दिल्ली पहुंचे तो वहां से सीधे संसद भवन पहुंच गए. सफर के दौरान गंदे हो चुके धोती, कुर्ता और प्लास्टिक का जूता - लाल मोजा पहने महेंद्र नारायण सरदार संसद भवन पहुंचे थे.
संसद भवन के दरवाजे पर तैनात संतरी ने उनके गंदे हो चुके कुर्ता धोती को देख कर प्रवेश से रोका तो उन्होंने हल्ला करना शुरु कर दिया, बाद में संतरियों को पता चला कि वे अररिया से सांसद हैं तो उन्हें सम्मान के साथ प्रवेश दिया गया.
साल1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध शुरु हो गया था. 1977 में जब चुनाव हुआ तो जेपी के आंदोलन की आंधी में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. और अररिया से कांग्रेस के डुमरलाल बैठा को हराकर जनता पार्टी के टिकट पर महेंद्र नारायण सरदार संसद पहुंचे थे.
साल 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी महेंद्र नारायण सरदार ने कांग्रेस के डुमर लाल बैठा को 1,08,534 मतों से हराया था.महेंद्र नारायण सरदार गैर-कांग्रेसी सांसद बने थे. एक दौर वो भी था.....