सूरज ने तरेरी आंख तो टूटा बिहार में गर्मी का रिकार्ड, भीषण गर्मी को लेकर मौसम ने जारी की चेतावनी
पटना- बिहार में सूर्य की तपीश से धरती तपने लगी है. राजधानी समेत सूबे के कई जिलों के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. दस दिन से तापमान का पारा 40 डिग्री के पार बना हुआ है. बुधवार को भी शहर का अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा. सड़क पर कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी रही, लोग कम दिखे. मौसम विभाग के अनुसार 2 मई से 4 मई के बीच बिहार के तापमान में वृद्धि होगी. इस दौरान आसमान साफ रहेगा, पश्चिमी हवा चलने की संभावना है, हवा की औसत गति 6 से 9 किमी प्रति घंटा रह सकती है. मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को बिहार के जिलों में अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री रहा.
वहीं बिहार में पहली बार भीषण गर्मी का रेड अलर्ट जारी किया गया . मौसम विभाग ने शेखपुरा, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, नवादाऔर भागलपुर जिले के लिए भीषण गर्मी को लेकर रेड अलर्ट मंगलवार के लिए जारी किया था. तो सिवान, रोहतास, भोजपुर, कैमूर, औरंगाबाद,दरभंगा, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, जमुई और बांका में लू का ऑरेंज अलर्ट है. इसके साथ ही शिवहर, मधेपुरा, बक्सरऔर सहरसा के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है
राज्य में 4 मई तक अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का पूर्वानुमान है. मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को भागलपुर और पूर्णिया भीषण गर्मी की चपेट में रहे. पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वाल्मीकिनगर, सुपौल, मोतिहारी, शेखपुरा, गोपालगंज, खगड़िया, बांका, कटिहार और नवादा में लू चली.
ईरान से आने वाला पश्चिमी विक्षोभ तीन मई से प्रदेश के लोगों को गर्मी से राहत दे सकता है. यह एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ है जो 2 मई को जम्मू कश्मीर से टकराएगा. विक्षोभ की मजबूती के चलते इसका कुछ प्रभाव बिहार पर भी पड़ सकता है. यानी तीन मई के बाद बिहार के अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट आने के आसार हैं.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार फिलहाल गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है. आने वाले दिनो में पारा में और वृद्धि हो सकती है. 41 से 44 डिग्री तक पारा जाने की संभावना है.
आईजीआईएमएस के डॉ रोहित अपाध्याय ने बताया कि गर्मी में बहुत सावधान रहने की जरूरत है. दिन में बहुत जरुरी कान न हो तो घरों से बाहर नहीं निकलें. भरपूर मात्रा में पानी पिएं. शरीर को डी हाइड्रेट नहीं होने दें. बच्चों पर विशेष ध्यान रखें. बुजुर्गों पर भी विशेष ध्यान रखें. बाहर निकलते समय छाता या सिर पर तौलिया रखकर ही बाहर निकलें.