बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर कहां फंसा है पेंच? शाह की क्यों बढ़ गई है टेंशन! क्यों नहीं हो पा रहा सीटों का बंटवारा?,पढ़िए

दिल्ली- लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने में एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है. वहीं बिहार में एनडीए के अंदर सीट शेयरिंग का पेंच सुलझता नहीं दिख रहा है.भाजपा और जदयू दोनों की ओर से कहा जा रहा है कि सीटों पर किसी तरह का विवाद नहीं है, लेकिन इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. हाजीपुर लोकसभा सीट भाजपा के लिए गले की हड्डी बन गई है. चिराग पासवान अपने पिता की विरासत बताते हुए इस सीट पर लगातार दावा कर रहे हैं, रैलियां कर दम दिखा रहे हैं. वहीं, चिराग के चाचा  पशुपति पारस भी यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं. पशुपति पारस ने सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत में भी साफ कहा है कि वह हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेंगे.

पारस ने हाजीपुर सीट पर ठोका दावा

बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर  बीजेपी लगातार अपने सहयोगी दलों से बातचीत कर रही है. भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस से सीट बंटवारे पर बातचीत की है. सोमवार को  पशुपति पारस ने बिहार बीजेपी प्रभारी और महासचिव विनोद तावड़े से सीट शेयरिंग को लेकर मुलाक़ात की. पशुपति कुमार पारस ने विनोद तावड़े से साफ कहा कि हाजीपुर सीट से मैं हीं चुनाव लड़ूंगा. 

चिराग पासवान के साथ दल, दिल और परिवार कभी भी नहीं मिल सकता

सूत्रों के मुताबिक विनोद तावड़े ने पशुपति पारस के सामने प्रस्ताव रखा था कि चिराग पासवान और उनकी पार्टी एक बार फिर एक साथ हों जाएँ .पशुपति पारस ने साफ कह दिया- अब एक होना संभव नहीं है.उन्होंने कहा कि चिराग पासवान एनडीए में हैं, इस पर मेरा विरोध नहीं हैं,लेकिन चिराग पासवान के साथ दल, दिल और परिवार कभी भी नहीं मिल सकता है.उससे पहले मंगल पांडे ने भी तीन दिन पहले पशुपति पारस से मुलाकात की थी. पशुपति पारस के साथ मंगल पांडे की जो मुलाकात हुई उसमें भी पशुपति पारस ने हाजीपुर सीट को लेकर अपना दावा जताया था. पशुपति पारस ने सेटिंग गेटिंग का फार्मूला मंगल पांडे को भी बताया.

चिराग से मिले मंगल

वहीं सूत्रों के मुताबिक पशुपति पारस के बाद  मंगल पांडे ने चिराग पासवान से भी मुलाकात की है. पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों के संपर्क में बिहार बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मंगल पांडे हैं. भाजपा चाचा भतीजे के बीच विवाद सुलझाने में लगी है.

हाजीपुर सीट को लेकर विवाद

बहरहाल बिहार हाजीपुर लोकसभा सीट से रामविलास पासवान संसद पहुंचते रहे . साल  2019 के चुनाव में रामविलास ने हाजीपुर सीट से अपने भाई पशुपति पारस को चुनावी रण में उतारा था. वही लोजपा के बिखराव के बाद लोजपा(रा) सुप्रीमो चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत बताते हुए इस लोकसभा सीट पर दावेदारी ठोक रहे हैं. भाजपा हाजीपुर सीट का पेंच कैसे सुलझती है,देखना दिचस्प होगा.


धीरज की रिपोर्ट