तेजस्वी 'दाग' से रहेंगे दूर? RJD कोटे से 'मंत्री' की रेस में शामिल एक MLA पर 'चावल' घोटाले का केस, दूसरे के 'पति' रहे हैं डॉन

PATNA: बिहार में नई सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। अब मंत्रिपरिषद के गठन की कवायद जारी है। नीतीश कुमार की नई सरकार में अधिकतम 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के नए मंत्रिपरिषद में आरजेडी के सबसे ज्यादा 16 या फिर 17 मंत्री होंगे। वहीं, जेडीयू से अधिकतर पुराने चेहरों को शामिल किया जाएगा। कांग्रेस के चार और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। नीतीश सरकार में मंत्री पद को लेकर मंथन जारी है। सामाजिक समीकरण और बेदाग चेहरे पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने दिल्ली में सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं। सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि बहुत जल्द कैबिनेट का विस्तार होगा।
मंत्री बनने की कोशिश में जुटे विधायक
नीतीश कैबिनेट में राजद से कौन-कौन मंत्री होंगे इसको लेकर कयासों का दौर जारी है। तेजस्वी यादव अपनी पार्टी में सामाजिक समीकरण व साफ-सुथरा चेहरा पर पूरा फोकस कर रहे हैं। राजद की तरफ से कैबिनेट में यादव-मुस्लिम-पिछड़ा-दलित और राजपूतों का भरपूर प्रतिनिधित्व होगा। बताया जा रहा कि मंत्रिपरिषद में राजद की तरफ से यादवों का प्रतिनिधित्व सबसे अधिक होगा। इस बार नीतीश कैबिनेट में राजद की तरफ से अपर कास्ट में राजपूत समाज से 2 नेताओं को कैबिनेट में शामिल कराया जा सकता है। मंत्री बनने की रेस में इस बिरादरी से कई नेता हैं.बताया जाता है कि राजपूत कोटे से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह भी मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावे बाहुबली और कई आपराधिक कांडों के आरोपी रहे रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह जो महनार से विधायक हैं वो भी रेस में हैं। रामा सिंह की छवि बिहार में बाहुबली की रही है। लालू-राबड़ी राज के दौरान इन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हुए थे। न सिर्फ बिहार बल्कि झारखंड तक में रामा सिंह की पहचान डॉन के रूप में थी। राजद के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह जबतक जीवित रहे रामा सिंह की राजद में इंट्री नहीं होने दी। उनके निधन के बाद रामा सिंह ने राजद में इंट्री ली और अपनी पत्नी को को महनार विस से टिकट दिलवा दिया। इस तरह से वीणा सिंह महनार से विधायक बन गईं। हालां कि रामा सिंह लोजपा से वैशाली से सांसद और जेडीयू के टिकट पर महनार से विधायक रह चुके हैं.
एक के पति रहे हैं डॉन तो दूसरे पर घोटाले का केस
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह रामगढ़ से पार्टी के विधायक हैं। कहा जा रहा है कि ये भी राजपूट कोटे से मंत्री बनने की रेस में हैं। लालू परिवार से इनकी नजदीकी मंत्री की रेस में होने की बड़ी वजह बताई जा रही है। लेकिन सुधाकर सिंह पर भी गंभीर आरोप हैं। नीतीश राज के दौरान ही 2013-14 में चावल घोटाला हुआ था। इस घोटाले में सुधाकर सिंह पर केस दर्ज है। सुधाकर सिंह पर सरकारी चावल जमा नहीं करने का आरोप था. सीधे तौर पर कहें तो सुधाकर सिंह पर चावल गबन करने का मामला है। उन पर वर्ष 2013 में एसएफसी का चावल जमा नहीं करने के आरोप में रामगढ़ थाने में धारा-420,406 के तहत केस दर्ज हुआ था। यह केस न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम की अदालत में लंबित है। चावल मामले के आरोपी राजद विधायक सुधाकर सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि ये भी नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं. वहीं इसी बिरादरी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह जो बिस्कोमान के अध्यक्ष हैं वे भी मंत्री बनने को लेकर पूरी कोशिश में जुटे हैं।बताया जा रहा है कि मंत्री बनने को लेकर इन नेताओं के द्वारा पूरी लॉबिंग की जा रही है। अब देखना होगा कि तेजस्वी यादव किन लोगों को मंत्री बना पाते हैं।
पुराने चेहरे को फिर से मिलेगी जगह!
बताया जाता है कि महागठबंधन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार की नई मंत्रिपरिषद में जेडीयू कोटे से लगभग पुराने नेताओं को ही शामिल किया जाएगा। जेडीयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को भी मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, आरजेडी कोटे से तेज प्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, चंद्रशेखर, अनीता देवी, सुरेंद्र यादव का नाम चर्चा में है। कांग्रेस की ओर से अजीत शर्मा,विजय शंकर दूबे, शकील अहमद औऱ राजेश राम को मंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं। हम से संतोष कुमार सुमन का मंत्री बनने की संभावना है। वहीं निर्दलीय सुमित कुमार सिंह भी मंत्री बन सकते हैं, वे एनडीए सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।