Sunil Gavaskar Statement: दूसरे टेस्ट के चयन पर सुनील गावस्कर का मैनेजमेंट को फटकार! कहा-बुमराह और कुलदीप यादव को बाहर करना गलत रणनीति?

Sunil Gavaskar Statement: दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन पर सुनील गावस्कर ने नाराजगी जताई है। बुमराह और कुलदीप यादव को बाहर रखने के फैसले पर पूर्व क्रिकेटर ने मैनेजमेंट की रणनीति पर सवाल उठाए।

सुनील गावस्कर हुए आगबबूला!- फोटो : social media

Sunil Gavaskar Statement: टीम इंडिया के चयन को लेकर क्रिकेट गलियारों में तूफान मच गया है। दूसरे टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन में जहां तीन बड़े बदलाव किए गए, वहीं जसप्रीत बुमराह को बाहर बैठाने के फैसले ने कई प्रशंसकों और दिग्गजों को हैरान कर दिया है। इस फैसले के विरोध में सबसे मुखर आवाज बनी है भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर की।

बुमराह के अलावा, साई सुदर्शन और शार्दुल ठाकुर को भी बाहर कर दिया गया है, जबकि नितीश कुमार रेड्डी, वाशिंगटन सुंदर, और आकाशदीप को अंतिम 11 में शामिल किया गया है।गावस्कर का मानना है कि इन बदलावों में चयनकर्ता न तो फॉर्म देख रहे हैं और न ही मैदान की परिस्थितियों को समझ रहे हैं। उन्होंने कुलदीप यादव को नजरअंदाज करने को "स्पष्ट रणनीतिक भूल" बताया।

“स्पिन ट्रैक पर कुलदीप को क्यों नजरअंदाज किया गया?”: गावस्कर का सवाल

सुनील गावस्कर की सबसे बड़ी आपत्ति कुलदीप यादव को लेकर थी। उन्होंने कहा कि मैं चौंक गया हूं कि कुलदीप को नहीं चुना गया है, क्योंकि ऐसी पिच जिसके लिए सब कहते हैं कि यहां स्पिनरों को काफी अच्छा टर्न मिलता है। यह बयान यह संकेत देता है कि चयनकर्ताओं ने पिच की प्रकृति की अनदेखी की। एजबेस्टन जैसी पिचों पर स्पिनर्स को फायदा मिलता है, और कुलदीप जैसे चाइनामैन स्पिनर की भूमिका निर्णायक हो सकती थी।गावस्कर के अनुसार, कुलदीप का पिछला प्रदर्शन और विविधता टीम को संतुलन देने में मदद कर सकती थी — खासकर तब, जब टीम को गेंदबाजी में धार की सख्त जरूरत है।

जिन्होंने गलतियां नहीं की, उन्हें सज़ा क्यों?

सुनील गावस्कर की आलोचना का एक और महत्वपूर्ण पक्ष है टीम के बैटिंग ओरिएंटेशन। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहe कि अगर टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज रन नहीं बना रहे हैं तो वाशिंगटन सुंदर और नितीश कुमार रेड्डी को शामिल करना हल नहीं है।गावस्कर की आपत्ति इस बात पर थी कि चयनकर्ताओं ने गेंदबाजी को सुधारने की बजाय फिर से बल्लेबाजी को तरजीह दी, जबकि पहले टेस्ट में भारत ने 830 रन बनाए थे — जो किसी भी टेस्ट मुकाबले में एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।गावस्कर के अनुसार, यदि समस्या गेंदबाजी में थी तो उपाय भी गेंदबाजी में ही ढूंढ़ा जाना चाहिए था, न कि बैटिंग लाइनअप को और भारी बनाकर।

रवि शास्त्री भी बोले – “बुमराह को कैसे ड्रॉप कर सकते हैं?”

सुनील गावस्कर की तरह पूर्व कोच रवि शास्त्री भी बुमराह को बाहर किए जाने से नाराज़ दिखे। उन्होंने इसे अविश्वसनीय निर्णय करार दिया। शास्त्री ने कहा कि जसप्रीत बुमराह जैसा मैच विनर गेंदबाज किसी भी परिस्थिति में टीम से बाहर नहीं होना चाहिए। कप्तान शुभमन गिल ने सफाई दी कि बुमराह को वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत आराम दिया गया है। हालांकि इस बात ने चयन की पारदर्शिता को लेकर और सवाल खड़े कर दिए हैं।