UP NEWS: मिलावटखोरों की तस्वीरें अब चौराहों पर टांगी जाएगी, सीएम ने दिया आदेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के कारोबार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रवैया अपनाया है। उन्होंने अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिए हैं कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनकी तस्वीरें प्रमुख चौराहों पर लगाई जाएं, ताकि समाज में उनके प्रति नकारात्मक संदेश जाए और जनता सतर्क हो।
मिलावट को बताया सामाजिक अपराध
मुख्यमंत्री ने इसे सामाजिक अपराध करार देते हुए कहा कि तेल, घी, मसाले, दूध, पनीर जैसी रोजमर्रा की चीजों की जांच उत्पादन स्थल पर ही की जाए। दूध और उससे जुड़े उत्पादों की सघन जांच के लिए विशेष टीमें गठित करने के निर्देश भी दिए गए हैं जो लगातार निगरानी रखेंगी।
नकली दवाओं पर पुलिस और विभाग का समन्वय बढ़ेगा
नकली दवाओं के मामले में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पुलिस और एफएसडीए विभाग के बीच बेहतर समन्वय बनाया जाए ताकि गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। पेशेवर रक्तदाताओं की पहचान कर इस पर भी सख्त नियंत्रण स्थापित करने को कहा गया है।
आम जनता की भागीदारी के लिए ऐप और टोल फ्री नंबर
जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 'फूड सेफ्टी कनेक्ट' नामक मोबाइल ऐप और टोल फ्री नंबर 1800-180-5533 जारी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होता, तब तक शिकायत का निस्तारण अधूरा माना जाएगा।
जांच प्रक्रिया होगी हाईटेक और गोपनीय
एफएसडीए ने जांच प्रक्रिया को पारदर्शी और वैज्ञानिक बनाने के लिए पासवर्ड-प्रोटेक्टेड बारकोड प्रणाली लागू की है, जिससे हर सैंपल की गोपनीयता बनी रहती है। जांच डिजिटल रूप से वैज्ञानिकों द्वारा की जाती है और उच्च अधिकारियों की स्वीकृति के बाद ही उसे मान्य माना जाता है।
पूरे प्रदेश में लैब नेटवर्क का विस्तार
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि अब प्रदेश के अधिकांश मंडलों — जैसे अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, मिर्जापुर, चित्रकूट, मुरादाबाद, सहारनपुर आदि — में नई प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। लखनऊ, मेरठ और वाराणसी में आधुनिक माइक्रोबायोलॉजी लैब्स भी बनकर तैयार हैं, जिससे जांच की गुणवत्ता में और सुधार होगा।