UP Crime News: लखनऊ के मड़ियांव पुलिस स्टेशन से गायब हुई डकैती केस की डायरी, दो पुलिसकर्मी नामजद मचा बवाल
आसिफ खान,लखनऊ: मड़ियांव पुलिस स्टेशन में दर्ज एक पुराने मामले की केस डायरी रहस्यमय तरीके से गायब हो गई है। यह मामला साल 2006 का है, जब मड़ियांव के सुलतानपुर इलाके की बिट्टा देवी ने तत्कालीन सीओ अलीगंज हबीबुल हसन समेत 9 लोगों पर डकैती, हत्या की कोशिश और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।
2015 में लगाई गई थी फाइनल रिपोर्ट
जांच के बाद इस केस में 30 जून 2015 को फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई थी। रिपोर्ट और उससे जुड़ी केस डायरी को 12 जुलाई 2018 को कोर्ट में दाखिल करने के लिए भेजा गया था। उस समय डाक रनर हेड कॉन्स्टेबल सूर्यभान ने दस्तावेज मड़ियांव कोतवाली के हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह को सौंपे थे।
गायब हुई केस डायरी
राजेंद्र सिंह ने बताया कि दस्तावेज उन्होंने कॉन्स्टेबल प्रदीप मिश्रा को कोर्ट में दाखिल करने के लिए दिए थे। लेकिन इसका कोई प्रमाणित साक्ष्य मौजूद नहीं है। शुरुआती जांच में सामने आया कि प्रदीप मिश्रा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन न तो कोर्ट में और न ही मड़ियांव कोतवाली के रिकॉर्ड में फाइनल रिपोर्ट और केस डायरी मौजूद है।
दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट
इंस्पेक्टर मड़ियांव ने इस लापरवाही के आरोप में दो तत्कालीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इनमें से प्रदीप मिश्रा की मौत हो चुकी है, जबकि राजेंद्र कुमार अब रिटायर हो चुके हैं।
ढाई साल से खोजे जा रहे दस्तावेज
ईओडब्ल्यू ने अक्टूबर 2023 में रिटायरमेंट के समय हबीबुल हसन के सर्विस रिकॉर्ड की जांच की थी। उसी दौरान यह मामला सामने आया कि केस की फाइनल रिपोर्ट कोर्ट रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है। हबीबुल हसन ने खुद केस डायरी खोजने के लिए पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था और वह ढाई साल से लगातार दस्तावेजों की तलाश कर रहे थे। अब तक केस डायरी का कुछ पता नहीं चल पाया है।
पेंशन पर भी असर
दस्तावेज गायब होने की वजह से हबीबुल हसन की पेंशन भी अटकी हुई है। डीसीपी नॉर्थ गोपाल कृष्ण चौधरी ने कहा कि मामला गंभीर है और हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।