UP CRIME NEWS: STF ने 1975 कारतूस के साथ अनिल बंजी गिरोह के सदस्य को दबोचा

UP CRIME NEWS: STF ने 1975 कारतूस के साथ अनिल बंजी गिरोह के सदस्य को दबोचा

मेरठ: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हथियार तस्करी के एक बड़े गिरोह के सदस्य राशिद को गिरफ्तार किया है, जो मुजफ्फरनगर के जौला निवासी है। राशिद के पास इटली निर्मित 12 बोर के 1975 कारतूस बरामद किए गए थे। ये कारतूस देहरादून स्थित राना इंस्टीट्यूट ऑफ शूटिंग स्पोर्ट्स (RIS) से लाकर अवैध रूप से किसी व्यक्ति को बेचने के लिए भेजे गए थे। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उससे अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज, जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और एक कार भी बरामद की।


एसटीएफ की कार्रवाई

एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ को कई दिनों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध हथियार तस्करी करने वाले गिरोह की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद एसटीएफ की टीमें इन तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गईं। मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे पल्लवपुरम क्षेत्र के एसडीएस ग्लोबल हॉस्पिटल के पास स्थित ग्रेटर पल्लवपुरम जाने वाले रास्ते पर राशिद को गिरफ्तार किया गया।


राशिद ने पूछताछ में बताया कि इन कारतूसों को देहरादून से सुभाष राणा और सक्षम मलिक ने भेजा था, जो उसे मेरठ में किसी व्यक्ति को देने के लिए कह रहे थे। आरोपी के अनुसार, मेरठ पहुंचने के बाद उसे एक फोन आएगा, और उस व्यक्ति से फोन पर बात करके रुपये लेने के निर्देश दिए गए थे।


गिरोह का बड़ा कनेक्शन

एसटीएफ की जांच में यह सामने आया कि सुभाष राणा और सक्षम मलिक भी इस गिरोह का हिस्सा हैं। सुभाष राणा एक प्रसिद्ध निशानेबाज हैं और ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर के कोच भी हैं। इन दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई चल रही है। इससे पहले, एसटीएफ ने अनिल बंजी गैंग के सरगना अनिल बंजी को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल जेल में बंद है। अनिल बंजी के पास से .45 बोर की पिस्टल भी बरामद की गई थी, और उसकी जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने हरियाणा और पंजाब में कई महत्वपूर्ण सुराग जुटाए हैं।


पुलिस की सतर्कता और गिरफ्तारी प्रयास

एसटीएफ ने इस मामले में पल्लवपुरम थाने में आर्म्स एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है और आरोपी राशिद को पुलिस के हवाले कर दिया है। इसके अलावा, सुभाष राणा और सक्षम मलिक की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं, ताकि इस अवैध हथियार तस्करी के नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट किया जा सके। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस गिरोह के नेटवर्क में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।

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