UP weather: प्रयागराज से लेकर चित्रकूट समेत यहां होगी झमाझम भारी बारिश, जानिए अपने जिलों का हाल!
लखनऊ: सोमवार को उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम सुहाना बना रहा। लखनऊ में सुबह से ही मौसम ठीक रहा और बीच-बीच में हल्की बारिश भी हुई। इसकी वजह से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली।
बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार 16 सितंबर को प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों और पूर्वी यूपी के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। दोनों हिस्सों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
कहां होगी भारी बारिश
मौसम विभाग ने चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, जौनपुर, आजमगढ़ और संत रविदास नगर समेत कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसके अलावा देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती में भी बारिश तेज होने की संभावना जताई गई है। लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या और अंबेडकर नगर में भी भारी बारिश हो सकती है।
गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना
बांदा, फतेहपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र और गाजीपुर जैसे जिलों में बादल गरजने और बिजली चमकने की संभावना है। इसी तरह मऊ, बलिया, गोरखपुर, बहराइच, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली और अयोध्या समेत कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
पश्चिमी यूपी में भी असर
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, बागपत और बिजनौर जैसे जिलों में भी बादल गरजने और बिजली चमकने की संभावना जताई गई है। बुंदेलखंड के झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा और ललितपुर में भी ऐसा ही मौसम बने रहने की उम्मीद है।
क्यों बदल रहा है मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी पूर्वांचल और मध्य यूपी तक पहुंच रही है। इस वजह से प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ी हैं। वहीं, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अपनी सामान्य तिथि 17 सितंबर से पहले ही लौटना शुरू कर चुका है।
वैज्ञानिकों की राय और चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी और बिहार के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण से यूपी में बारिश बढ़ रही है। खासकर पूर्वांचल, तराई और मध्य यूपी में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। निचले इलाकों और नदी किनारे रहने वालों से खास सावधानी बरतने को कहा गया है, ताकि बाढ़ या जलभराव की स्थिति से बचा जा सके।