UP NEWS: उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर, 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों ने किया कायाकल्प

लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने पिछले 8 वर्षों में जबरदस्त आर्थिक और औद्योगिक बदलाव देखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने ‘बीमारू प्रदेश’ से ‘ब्रेकथ्रू प्रदेश’ की ओर कदम बढ़ाते हुए देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में बड़ा सफर तय किया है। योगी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म" विजन को धरातल पर उतारते हुए औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने, कारोबारी सुगमता में सुधार और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया। परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश आज ‘उद्यम प्रदेश’ के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुका है।
आर्थिक विकास में ऐतिहासिक वृद्धि
2017 की तुलना में प्रदेश की जीएसडीपी दोगुनी होकर 27.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो जल्द ही 30 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लेगी।
45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश को धरातल पर उतारा जा चुका है।
इन निवेशों से 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला।
उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने की ओर तेजी से अग्रसर है।
नीतिगत सुधारों से बेहतर कारोबारी माहौल
योगी सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को प्राथमिकता दी और औद्योगिक निवेश को गति देने के लिए व्यापक नीतिगत सुधार किए। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार संवर्धन नीति-2017 लागू की गई, जिसमें निवेशकों को कर छूट, सब्सिडी और भूमि आवंटन की विशेष सुविधाएं दी गईं।
33 सेक्टोरल पॉलिसीज के जरिए औद्योगिक विकास को नई दिशा दी गई।
विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 2017 में 14वें स्थान से 2022 में दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
"निवेश मित्र" पोर्टल की शुरुआत से ऑनलाइन मंजूरी प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी हुई, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का प्रभाव
उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए वैश्विक मंच तैयार किया
- 2018 में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIC) आयोजित की गई।
- फरवरी 2023 में "यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023" ऐतिहासिक साबित हुआ।
- 2018 से अब तक चार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) आयोजित की गईं, जिससे हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया।
मुख्य औद्योगिक पहल और विकास परियोजनाएं
1. एमएसएमई और निर्यात वृद्धि
प्रदेश में 90 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए।
ओडीओपी (One District One Product) योजना से प्रदेश का निर्यात 86,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा।
2. डिफेंस और फार्मा सेक्टर में निवेश
डिफेंस कॉरिडोर, मेडिकल और फार्मा सेक्टर में 63,475 करोड़ रुपये के निवेश से स्वास्थ्य सेवाओं और विनिर्माण में उछाल आया।
3. बुनियादी ढांचे का विस्तार
एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डे और डिजिटल कनेक्टिविटी में निवेश से राज्य निवेशकों के लिए आकर्षक केंद्र बन चुका है।
बुंदेलखंड में ड्रग और फार्मा पार्क की स्थापना तेजी से हो रही है।
नोएडा के बाद 47 वर्षों बाद बीडा (BIDA) के रूप में नया औद्योगिक शहर बसाने की प्रक्रिया जारी है।
4. टेक्सटाइल और स्टार्टअप सेक्टर में उन्नति
लखनऊ-हरदोई में मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क का निर्माण किया जा रहा है।
हरदोई और कानपुर में मेगा लेदर क्लस्टर, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क, और कन्नौज में परफ्यूम पार्क बनाए जा रहे हैं।
गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और हापुड़ में केमिकल और फार्मा पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।
युवाओं और उद्यमियों के लिए योजनाएं
मुख्यमंत्री सूक्ष्म उद्यमी दुर्घटना बीमा योजना के तहत पंजीकृत उद्यमियों को 5 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान में 16,000 मामलों में ऋण स्वीकृत हुए, जिनमें से 6,000 मामलों में ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
अटल इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत औद्योगिक विकास को और गति दी गई है।