Mahakumbh Mela 2025: नागा साधु...जननांग की नस खीचीं जाने के बाद खुद का पिंडदान , 108 बार डूबकी स्नान, महिला साध्वी बनने से पहले इस कठिन परीक्षा को पास करना है जरुरी

नागा साधु कुंभ और मेलों में आते हैं और फिर अचानक गायब हो जाते हैं। यह उल्लेखनीय है कि नागा बाबाओं को साधु, सन्यासियों और संतों से उच्च स्थान पर रखा जाता है। नागा साधु बनने के लिए उन्हें कई कठिन परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है।

Mahakumbh Mela 2025
कमांडो से कठीन है नागा साधु बनना- फोटो : Reporter

Mahakumbh Mela 2025:  नागा साधु बनने की प्रक्रिया एक जटिल और कठोर आध्यात्मिक यात्रा है, जिसमें कई चरण शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया मुख्यतः पुरुषों के लिए होती है, लेकिन महिलाओं के लिए भी एक समान प्रक्रिया होती है। नागा बनने के लिए 108 बार डुबकी लगाना, खुद का पिंडदान करना (17 पिंड दान करना), और पुरुषों के लिए जननांग की नस खींची जाना आवश्यक प्रक्रियाएँ हैं; जबकि महिलाओं को ब्रह्मचर्य की परीक्षा पास करनी पड़ती है।

 प्रारंभिक चयन और परख अवधि

नागा बनने के इच्छुक व्यक्ति को पहले एक अखाड़े में आवेदन करना होता है। इस आवेदन के बाद, उसे पहले लौटा दिया जाता है ताकि उसकी वास्तविक इच्छा का परीक्षण किया जा सके। यदि वह फिर भी नागा बनना चाहता है, तो अखाड़े के सदस्य उसके घर जाकर उसके परिवार से बात करते हैं। परिवार की सहमति आवश्यक होती है। इसके बाद, उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड भी जांचा जाता है।

 गुरु का चयन और सेवा अवधि

उम्मीदवार को एक गुरु चुनना होता है और किसी अखाड़े में 2-3 साल तक सेवा करनी होती है। इस दौरान उसे साधना, शास्त्रों का अध्ययन और वरिष्ठ संन्यासियों की सेवा करनी होती है। यह समय उसके मानसिक और शारीरिक अनुशासन को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

महापुरुष की दीक्षा

यदि उम्मीदवार परख अवधि में सफल रहता है, तो उसे ‘महापुरुष’ घोषित किया जाता है। इस चरण में पंच संस्कार किया जाता है, जिसमें उसे नारियल, भगवा वस्त्र आदि दिए जाते हैं। इसके बाद गुरु उसकी चोटी काटते हैं।

अवधूत बनने की प्रक्रिया

महापुरुष बनने के बाद, अगला चरण अवधूत बनना होता है। इसके लिए सुबह चार बजे उठकर नित्य कर्म करने होते हैं। फिर नदी किनारे जाकर स्नान कराया जाता है और 108 डुबकियां लगाई जाती हैं। इस दौरान उपवास रखना अनिवार्य होता है।

 दिगंबर बनने की दीक्षा

अवधूत बनने के बाद दिगंबर बनने की प्रक्रिया आती है, जो सबसे कठिन होती है। इसमें जननांग की नस खींची जाती है जिससे व्यक्ति नपुंसक हो जाता है। यह संस्कार शाही स्नान से एक दिन पहले किया जाता है।

महिलाओं का नागा बनना

महिलाएं भी नागा साधु बन सकती हैं, जिन्हें नागिन या अवधूतनी कहा जाता है। उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है और यह साबित करने में उन्हें 10-12 साल लग सकते हैं कि वे इस जीवनशैली के लिए योग्य हैं।


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