Mahakumbh Mela 2025: शर्मनाक: महाकुंभ में आए बेटों ने अपनी ही मां को गंगा के तट पर अकेला छोड़ा,9 महिलाएं ऐसी जिनकी आँखें अपनों को खोज रहीं....

संगम में स्नान करने आए अनेक लोग अपने प्रियजनों से बिछड़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर रही हैं। नौ बुजुर्ग महिलाएं,

Mahakumbh Mela 2025
मां को गंगा के तट पर अकेला छोड़ा- फोटो : Social Media

Mahakumbh Mela 2025: 144 वर्ष बाद के इस दुर्लभ संयोग में महाकुंभ में लोग स्नान के लिए अत्यंत उत्सुक हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जिनके पास मोबाइल की सुविधा नहीं है। कुछ श्रद्धालुओं को एक-दूसरे से बिछड़ने का दुख सहन करना पड़ रहा है। पिछले चार दिनों में लगभग साढ़े पांच करोड़ स्नानार्थियों ने आस्था की डुबकी लगाई है। हालांकि, कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कुम्भ की पवित्र भूमि का उपयोग अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किया और अपने परिवार के बुजुर्गों को संगम की रेती पर छोड़कर चले गए। महाकुंभनगर में मकर संक्रांति के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई, जबकि कई श्रद्धालुओं का अनुभव सुखद नहीं रहा।

संगम में स्नान करने आए अनेक लोग अपने प्रियजनों से बिछड़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर रही हैं। नौ बुजुर्ग महिलाएं, जिनमें सासाराम बिहार की शांति, मोतिहारी बिहार की चम्पा देवी,  पटना की विमला, रीवा की कुसुम कली, वीरभूमि पश्चिम बंगाल की आरोती माना, चौबीस परगना पश्चिम बंगाल की काजल दास, वर्धमान की चम्मा घोष, सोनभद्र की चिंता देवी, चाकघाट की अरुणा और सुरसरी नेपाल की रामरतन मेहता शामिल हैं, आश्रय प्राप्त कर रही हैं।

पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले की दुर्गापुर की 70 वर्षीय चम्मा घोष मकर संक्रांति के अवसर पर अपने बड़े बेटे मधुसूदन घोष के साथ संगम में स्नान करने आई थीं। संगम से ट्रेन पकड़ने के लिए जब वे प्रयागराज जंक्शन पहुंचीं, तब उनका बेटा उनसे बिछड़ गया। पुलिसकर्मियों की सहायता से वे मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर चार में स्थित खोया-पाया केंद्र पहुंचीं। यहां मधुसूदन को फोन करने पर उसका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आ रहा था। उन्होंने छोटे बेटे दयामयी घोष से संपर्क किया, लेकिन उसने आने से मना कर दिया। खोया-पाया केंद्र में तीन दिन से चाकघाट, रीवा की 75 वर्षीय अरुणा भी रह रही हैं। अरुणा को उनके भाई ने संगम में लाकर छोड़ दिया था। उन्होंने बताया कि वे तीन भाइयों हीरालाल, रामसूरत और बद्रीनाथ की सबसे छोटी बहन हैं। उनकी शादी नहीं हुई है और तीनों भाई उनकी संपत्ति पर कब्जा करने की मंशा से पहले भी उन्हें कई बार घर से भगा चुके हैं।

Editor's Picks