Nepal Gen-Z protest:नेपाल में Gen-Z आंदोलन ने लिया उग्र रूप! मौत का आंकड़ा 19, गृहमंत्री का इस्तीफा

Nepal Gen-Z protest: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़के Gen-Z आंदोलन में अब तक 19 लोगों की मौत और 200 से अधिक घायल हुए हैं। गृहमंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दिया और कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया।

नेपाल में Gen-Z आंदोलन की भयावह तस्वीर- फोटो : social media

Nepal Gen-Z protest: नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ Gen-Z आंदोलन अब बेहद उग्र हो चुका है।हिमालयन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है।मृतकों में 16 काठमांडू और 2 इटाहरी के बताए गए हैं।प्रदर्शन में 200 से ज्यादा लोग घायल हैं, जिनमें प्रदर्शनकारी, सुरक्षाकर्मी और पत्रकार शामिल हैं।इस घटना ने पूरे नेपाल को हिला कर रख दिया है।

गृहमंत्री ने दिया इस्तीफा

काठमांडू में बिगड़ते हालात के बीच नेपाल की राजनीति में भी हलचल मच गई है।प्रधानमंत्री आवास पर आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई गई।इस दौरान नेपाल के गृहमंत्री रमेश लेखक ने नैतिक आधार पर इस्तीफे की घोषणा कर दी,लेकिन इसके बावजूद छात्र और युवा सड़कों से हटने को तैयार नहीं हैं।

क्यों भड़का आंदोलन?

ओली सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को एक हफ्ते में सरकारी नियमों के तहत रजिस्टर करने का आदेश दिया था।मेटा, गूगल और अन्य कई प्लेटफॉर्म्स ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की।डेडलाइन खत्म होते ही सरकार ने 26 प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया।युवाओं का आरोप है कि यह फैसला उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।

सेना की तैनाती और कर्फ्यू

स्थिति लगातार बिगड़ती देख सरकार को सेना उतारनी पड़ी।सुरक्षाबलों ने पहले लाठीचार्ज, आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया।हालात काबू से बाहर होने पर कई शहरों में कर्फ्यू लागू किया गया।सरकार ने घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।इस बीच, ट्रॉमा सेंटर और सिविल अस्पतालों में भी झड़प की खबरें हैं।

भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट

नेपाल की इस हलचल का असर भारत पर भी पड़ा है।भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है।बिहार से लगी सीमाओं पर एसएसबी और स्थानीय पुलिस हाई अलर्ट पर हैं। नेपाल में चल रही सभी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।

प्रदर्शनकारियों के आरोप

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सुरक्षाबल उन पर सीधी गोलीबारी कर रहे हैं।सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए हिंसक दमन कर रही है।वहीं, सरकार का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।