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Bihar Teacher Transfer News: शिक्षकों के ट्रांसफर में पुरुष शिक्षकों से भेदभाव क्यों..भारी बवाल,अब शिक्षक संघ लेगा एक्शन...हो गया ऐलान .

बिहार में टीचर को लेकर बनाई नई तबादला नीति के खिलाफ शिक्षक संघ का यह रुख दर्शाता है कि शिक्षकों को अपनी स्थितियों और परिवारिक जिम्मेदारियों के अनुरूप काम करने का मौका दिया जाना चाहिए।

Bihar Teacher Transfer News: शिक्षकों के ट्रांसफर में पुरुष शिक्षकों से भेदभाव क्यों..भारी बवाल,अब शिक्षक संघ लेगा एक्शन...हो गया ऐलान .
बिहार के टीचरों में पैदा हुआ आक्रोश!- फोटो : ai generated

 Bihar Teacher Transfer News: बिहार सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए लाई गई नई तबादला नीति का विरोध शिक्षकों के संगठनों द्वारा तेज़ हो गया है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ ने इस नीति को शिक्षकों के खिलाफ एक साजिश बताया है और इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार दिया है।


विरोध के मुख्य बिंदु

दूर जगह पर ट्रांसफर की बात 

नई नीति में पुरुष शिक्षकों को गृह अनुमंडल या नजदीकी अनुमंडल में ही स्थानांतरित करने के बजाय अन्य दस अनुमंडलों में ट्रांसफर का विकल्प दिया गया है। संघ के मुताबिक, इससे कई शिक्षक अपने घर-परिवार, बुजुर्ग माता-पिता, और बच्चों से दूर हो जाएंगे, जिससे उनके परिवारिक और मानसिक तनाव में बढ़ोतरी होगी।


महिला शिक्षकों और पुरुष शिक्षकों में भेदभाव

शिक्षक संघ का मानना है कि लिंग के आधार पर नीति में भेदभाव किया जा रहा है। महिला शिक्षकों के लिए गृह पंचायत के पास पदस्थापन की सुविधा है, जबकि पुरुष शिक्षकों को इससे वंचित किया गया है। संघ ने मांग की है कि पुरुष शिक्षकों को भी महिला शिक्षकों की तरह अपने गृह पंचायत के पास ही पदस्थापित किया जाए, ताकि वे भी तनावमुक्त रहकर शिक्षण कार्य में योगदान दे सकें।


बीमार माता-पिता का ध्यान नहीं रखा गया

नई नीति में माता-पिता की बीमारी को स्थानांतरण में कोई आधार नहीं बनाया गया है। शिक्षक संघ का कहना है कि बुजुर्ग और बीमार माता-पिता की देखभाल के लिए शिक्षकों को नजदीकी स्थानांतरण का विकल्प दिया जाना चाहिए, जिससे वे अपने परिवार की देखभाल कर सकें।


स्वैच्छिक स्थानांतरण का समर्थन

शिक्षक संघ का यह भी कहना है कि कई शिक्षक स्वैच्छिक स्थानांतरण के पक्ष में हैं, जबकि कुछ शिक्षक अपने वर्तमान पद पर ही रहना चाहते हैं। ऐसे में, सरकार को स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति लानी चाहिए, जिसमें सिर्फ स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों से ही आवेदन लिए जाएं और अन्य शिक्षकों को उनके पद से हटाने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए।


अदालत के आदेश की अवहेलना

उच्च न्यायालय पटना ने शिक्षकों को उनके पुराने पद पर बने रहने का अधिकार दिया है। शिक्षक संघ का आरोप है कि सरकार न्यायालय के इस आदेश का सम्मान नहीं कर रही और जबरदस्ती स्थानांतरण की प्रक्रिया लागू कर रही है, जो कि अव्यवहारिक और असंवैधानिक है।


संघ की मांगें

दोषपूर्ण नीति में बदलाव: संघ ने मांग की है कि सरकार इस दोषपूर्ण नीति को वापस ले और एक स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति बनाए, ताकि शिक्षकों को उनके सुविधा वाले स्थानों पर काम करने का अवसर मिल सके।


आवेदन की बाध्यता समाप्त हो: जो शिक्षक स्थानांतरण नहीं चाहते, उनसे आवेदन देने की अनिवार्यता समाप्त की जाए। लिंग आधारित भेदभाव का खात्मा: पुरुष और महिला शिक्षकों के लिए समान पदस्थापन नीति लाई जाए, ताकि किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।

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