Bihar Land Survey:बिहार में जमीन के डिजिटल रिकॉर्ड की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। राजस्व और भूमि सुधार विभाग ने हाल ही में खुलासा किया है कि प्राइवेट कंपनी द्वारा किए गए डिजिटाइजेशन कार्य में कई गड़बड़ियां पाई गई हैं। जिसके कारण किसानों को अपने जमीन के कागजात ऑनलाइन नहीं मिल पा रहे हैं और विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
कथित तौर पर मेसर्स कैपिटल सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए डिजिटाइजेशन कार्य की गुणवत्ता की जांच में कई खामियां मिली हैं। जिसके कारण स्कैन किए गए दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा सका है।
डिजिटल रिकॉर्ड न मिलने से किसानों को जमीन संबंधी कार्यों में काफी परेशानी हो रही है। उन्हें अपने कागजात प्राप्त करने के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक राजस्व और भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे स्वयं जांच करके दस्तावेजों को पोर्टल पर अपलोड करें। साथ ही, जमाबंदी पंजी (रजिस्टर टू) की स्कैनिंग भी जल्द से जल्द पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने डिजिटाइजेशन कार्य की गुणवत्ता की जांच ठीक से नहीं की। जिसके परिणामस्वरूप किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जमीन अधिग्रहण में आने वाली छोटी-मोटी दिक्कतों को भी कोर्ट में ले जाया जा रहा है। जिसके कारण भू-अर्जन पुनर्वासन व व्यवस्थापन प्राधिकार में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गई है।