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bpsc result topper list 2024: बिहार के आदर्श और अनुपम, दो दोस्तों की मेहनत से मिली बड़ी सफलता, पढ़ें प्रेरणादायक कहानी

bpsc result topper list 2024: बिहार के आदर्श और अनुपम, दो दोस्तों की मेहनत से मिली बड़ी सफलता, पढ़ें प्रेरणादायक कहानी
बिहार के दो दोस्तों की प्रेरणादाय कहानी- फोटो : frepik

Bihar bpsc 32nd  judicial services examination: बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के शिवगंज गांव से ताल्लुक रखने वाले आदर्श कुमार और अनुपम कुमार ने 2024 की BPSC न्यायिक सेवा परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। आदर्श ने 120वीं और अनुपम ने 151वीं रैंक हासिल की। इन दोनों ने बिना कोचिंग के सेल्फ स्टडी के माध्यम से यह मुकाम पाया।

आदर्श के पिता ब्रेड-अंडे बेचते हैं, जबकि उनकी मां ने स्वयं सहायता समूह से कर्ज लेकर उनकी पढ़ाई कराई। अनुपम के पिता प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं और उनकी मां ग्राम कचहरी में सचिव के तौर पर काम करती हैं। दोनों दोस्तों ने 2022 में चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना से एलएलबी पूरी की और जज बनने का सपना साकार किया।

बचपन की दोस्ती और साझा सपना

आदर्श और अनुपम की दोस्ती बचपन से ही गहरी थी। दोनों ने 2017 में CLAT परीक्षा पास कर चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। 2022 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। उनके परिवारों ने हर कठिनाई में उनका समर्थन किया।

आदर्श की सफलता का संघर्ष

आदर्श के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। पिता विजय साव ने ठेले पर ब्रेड-अंडे बेचकर घर चलाया और बच्चों को पढ़ाया। आदर्श की मां सुनैना देवी ने स्वयं सहायता समूह से कर्ज लेकर उनकी पढ़ाई का खर्च उठाया। आदर्श की मेहनत और परिवार के बलिदानों से आज पूरे गांव में खुशी का माहौल है। आदर्श के माता-पिता को उम्मीद नहीं थी कि वह जज बनेंगे। वे सोचते थे कि वह वकील बनकर परिवार की मदद करेंगे। आदर्श ने उनसे भी बड़ा लक्ष्य हासिल किया। आदर्श कहते हैं, "मेरे लिए मां-बाप ही भगवान हैं। उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई मुझ पर खर्च की।"

अनुपम की सफलता की कहानी

अनुपम के पिता अशोक मेहता किसान और प्रिंटिंग प्रेस संचालक हैं। उनकी मां संजू देवी एरकीकला ग्राम कचहरी में सचिव के तौर पर काम करती हैं।अनुपम का एक भाई और बहन भी हैं, जो उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अनुपम का मंत्र: छोटे कदम, बड़े सपने अनुपम मानते हैं कि सफलता छोटे-छोटे कदम उठाने से मिलती है। उन्होंने हर छोटे लक्ष्य को पूरा कर अगले बड़े लक्ष्य पर ध्यान दिया। उनकी सफलता उनके माता-पिता के लिए गर्व का विषय है।

युवाओं के लिए प्रेरणा

आदर्श और अनुपम की कहानी संघर्ष, समर्पण और सफलता की मिसाल है।यह बताती है कि आर्थिक तंगी और कठिन परिस्थितियां भी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के आगे छोटी पड़ जाती हैं। यह कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत कर रहा है।

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