पटना-बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 25 जून से शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी के लिए शिक्षा कोष ऐप का इस्तेमाल शुरू किया.अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बड़ा निर्णय लिया है.शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने व्यवहारिक निर्णय लेते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिया है. डॉ सिद्धार्थ के निर्णय का उद्देश्य शिक्षकों को उन कठिनाइयों से मुक्त करना है जो बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनकी उपस्थिति दर्ज करने में आती हैं.
शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्धार्थ ने यह तय किया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक अब मोबाइल ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की बाध्यता से मुक्त होंगे. यह निर्णय उन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जहां बाढ़ के कारण स्कूलों में नियमित रूप से उपस्थित होना संभव नहीं हो पा रहा है. डॉ एस सिद्धार्थ के निर्णय से शिक्षकों पर मानसिक दबाव कम होगा, क्योंकि उन्हें अब उपस्थिति दर्ज करने की चिंता नहीं रहेगी जब वे अपने कर्तव्यों को निभाने में असमर्थ होते हैं.
डॉ एस सिद्धार्थ का यह कदम शिक्षा प्रणाली की स्थिरता को बनाए रखने में मदद करेगा, क्योंकि इससे शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का अवसर मिलेगा, भले ही वे बाढ़ जैसी आपदाओं का सामना कर रहे हों.इसका सीधा असर छात्रों पर भी पड़ेगा. बेहतर मानसिक स्वास्थ्य और कामकाजी माहौल छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ा सकता है.डॉ एस सिद्धार्थ का यह निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लचीलापन और अनुकूलन क्षमता दिखाता है, जो कि किसी भी संकट के समय आवश्यक होती है.