Bihar News: भागलपुर नगर निगम में करोड़ों रुपये के सरकारी धन का गबन होने का मामला सामने आया है। इस मामले में 8 महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। नगर आयुक्त द्वारा एक महीने के अंदर धनराशि जमा कराने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सिर्फ आश्वासन भर है।
इस मामले की शिकायत मिलने पर नगर निगम ने जांच शुरू की, लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जांच के नाम पर सिर्फ समय बर्बाद किया जा रहा है। दोषी अधिकारियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
इस गबन से नगर निगम के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। शहर की सड़कें, पानी और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए धन की कमी हो रही है। आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब प्रधान महालेखाकार पटना द्वारा नगर निगम का वर्ष 2021-22 से 2022-23 तक का अंकेक्षण किया गया। अंकेक्षण में पाया गया कि कर संग्राहकों द्वारा जारी की गई रसीदों के बावजूद, वसूले गए पैसे सरकार के खजाने में जमा नहीं किए गए थे।
इस मामले की शिकायत मधुकर नामक एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी भागलपुर से की थी। जिलाधिकारी के आदेश पर अपर समाहर्ता जिला आपदा कुन्दन कुमार को मामले की जांच सौंपी गई। हालांकि, जांच में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।नगर आयुक्त डॉ प्रीति से जब इस मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन से आदेश आने के बाद सिटी मैनेजर और नगर उपायुक्त को जांच करने का आदेश दिया गया है। लगभग 11 लाख रुपये सरकार के खजाने में जमा कर दिए गए हैं, लेकिन शेष राशि एक माह के अंदर जमा करवा ली जाएगी, अन्यथा विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें इस मामले में एक कर संग्राहक गोपाल दत्त ठाकुर पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि दूसरे कर संग्राहक प्रदीप झा को प्रभारी कर शाखा से हटाकर रोशनी विभाग का प्रभारी बना दिया गया है।
रिपोर्ट-बालमुकुंद शर्मा