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कंबल खरीद पर विवाद के बीच बिहार की IAS मैडम लंबी छुट्टी पर,बड़ा खेला पकड़ा गया,अब नेता भी छोड़ने के मूड में नहीं...

भागलपुर नगर निगम में मेयर और नगर आयुक्त के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। मेयर ने नगर आयुक्त पर आरोप लगाया है कि उन्होंने केंबल के पसंदीदा कंपनी को टेंडर देने का कार्य किया है। नगर आयुक्त के अवकाश पर जाने के बाद इस विषय पर कई चर्चाएँ हो रही हैं।

Blanket purchase scam in Bhagalpur
बड़ा खेला पकड़ा गया- फोटो : hiresh Kumar

Blanket purchase scam in Bhagalpur : नगर सरकार में अधिकारियों और पार्षदों के बीच के मतभेदों का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इसका परिणाम यह है कि इस बार जरूरतमंदों को कंबल वितरण में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नगर आयुक्त डॉ. प्रीत लंबी छुट्टी पर हैं और 25 जनवरी तक उनकी अनुपस्थिति रहेगी। इस दौरान उपनगर आयुक्त आमेर सोहेल प्रभार संभालेंगे। नगर आयुक्त की गैरमौजूदगी में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना संभव नहीं है, जिससे कंबल वितरण की संभावना भी कम होती जा रही है। जब तक नगर आयुक्त वापस नहीं लौटेंगी, तब तक यह स्पष्ट नहीं होगा कि कंबल बांटने के लिए उपयुक्त हैं या नहीं। ठंड का मौसम तब तक समाप्त हो जाएगा। बुधवार को भी उद्योग विभाग द्वारा कंबल की गुणवत्ता पर कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है, और अब गुरुवार का इंतजार किया जा रहा है। मंगलवार से ही रिपोर्ट भेजने की बात की जा रही है। मेयर ने बेहतर कंबल की व्यवस्था करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

मेयर डॉ. बसुंधरा लाल ने बुधवार को उप नगर आयुक्त आमिर सोहेल को अपने कार्यालय में आमंत्रित किया और कंबल की गुणवत्ता से संबंधित रिपोर्ट के बारे में जानकारी प्राप्त की। यदि रिपोर्ट उपलब्ध नहीं थी, तो खरीदे गए कंबल को मेयर के कक्ष में लाया गया। वहां सभी के समक्ष कंबल को मापकर उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया गया। उपस्थित एक पार्षद ने बताया कि उप नगर आयुक्त ने भी कंबल की गुणवत्ता को लेकर असंतोष व्यक्त किया। हालांकि, उप नगर आयुक्त ने कहा कि वे कोई नया निर्णय नहीं ले सकते। स्थायी समिति की सदस्य डॉ. प्रीति शेखर ने कहा कि कंबल के टेंडर के कई मानकों का उल्लंघन हुआ है, और निगम प्रशासन को एजेंसी के प्रति नरमी नहीं बरतनी चाहिए। कंबल में 70% या उससे अधिक ऊन की मात्रा होनी आवश्यक है। बिना हॉल मार्क के कंबल की खरीद की गई है, जिससे संबंधित कर्मियों की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है।

एक ही एजेंसी से खरीदे गए कंबल की कीमतों में 2023 में 295 रुपए और 2024 में 220 रुपए का निर्धारण किया गया है। कंबल की खरीदारी को लेकर निगम के कर्मचारियों पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। 2023 में जिस एजेंसी को कंबल खरीदने का ठेका दिया गया था, उसी को 2024 में फिर से ठेका दिया गया। जनवरी 2023 में कंबल की खरीदारी के समय एजेंसी ने प्रति कंबल 360 रुपए का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बाद में यह तय हुआ कि 290 रुपए की दर पर 10,200 कंबल खरीदे जाएंगे। अब उसी एजेंसी ने 2024 में केवल 220 रुपए में कंबल कैसे उपलब्ध कराए, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। पार्षद संघ के अध्यक्ष अनिल पासवान ने कहा कि समय के साथ सामान की कीमतों में वृद्धि होती है, ऐसे में एक ही एजेंसी से खरीदारी करने पर दामों में कमी आने पर संदेह उत्पन्न होता है।

नगर आयुक्त के अवकाश पर जाने के बाद विभिन्न प्रकार की चर्चाएँ हो रही हैं। पार्षदों का कहना है कि नगर आयुक्त ने विवाद से बचने के लिए लंबी छुट्टी ली है, ताकि इस मुद्दे को टाला जा सके। उल्लेखनीय है कि पार्षद संघ ने हाल ही में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि यदि नगर आयुक्त ने कर्मचारियों पर दबाव डालकर कंबल का वितरण कराया, तो वे इसका विरोध करेंगे। वार्ड-1 से 51 तक के सभी पार्षद इस विरोध में शामिल होंगे। नगर आयुक्त, कार्यालय अधीक्षक मो. रेहान अहमद और कंबल खरीद के प्रमुख प्रदीप झा का पुतला जलाया जाएगा।

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