Bihar News: भागलपुर के विभिन्न गंगा घाटों पर आज कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। बूढ़ानाथ, एसएम कॉलेज घाट, सीढ़ी घाट, खिरनी घाट, मूसारी घाट, बरारी घाट सहित अन्य घाटों पर दूर-दूर से लोग गंगा स्नान और दीपदान के लिए पहुंचे हैं।
भक्तों का कहना है कि गंगा में स्नान कर, दीपदान करना उनके जीवन को पवित्र और सुखमय बनाता है। इस पवित्र अवसर पर, रानी सती मंदिर में भी दीपोत्सव की खास तैयारियाँ की जा रही हैं। वहां गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा के फूलों से भव्य श्रृंगार किया जा रहा है, जो भक्तों को एक दिव्य अनुभूति प्रदान कर रहा है।
गंगा घाट पर विशेष व्यवस्थाएँ:
कार्तिक पूर्णिमा पर हर साल भागलपुर के अलावा बांका, झारखंड और गोड्डा जैसे आसपास के जिलों से हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। इस बार भी गुरुवार से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। भीड़ को देखते हुए घाटों पर विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। स्थानीय प्रशासन और श्रद्धालुओं के द्वारा जल, प्रसाद, और स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं ताकि सभी श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठान को शांति से पूरा कर सकें।
भव्य महाआरती का आयोजन:
रानी सती मंदिर में शाम के समय भव्य महा आरती का आयोजन होगा। श्रद्धालु एक साथ दीप जलाकर गंगा माँ से सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करेंगे। यह आरती और दीपों का संगम एक अनोखी छटा बिखेरेगा, जिसे देखने के लिए घाटों पर भक्तों का तांता लग गया है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व:
कार्तिक पूर्णिमा को भारतीय परंपरा में विशेष स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और दीपदान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है, जहाँ सभी लोग एक साथ मिलकर अपनी श्रद्धा और समर्पण का प्रदर्शन करते हैं।
आस्था का संदेश:
इस विशेष पर्व के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि आस्था और श्रद्धा जीवन का संबल हैं। हर दीपक इस विश्वास का प्रतीक है कि बुराई का अंधकार कितना भी घना क्यों न हो, अच्छाई की लौ उसे दूर कर देती है। गंगा तट पर दीपों की इस अनोखी छटा में श्रद्धालुओं का मन भाव विभोर हो उठता है।
इस प्रकार, कार्तिक पूर्णिमा के इस पवित्र अवसर पर भागलपुर का गंगा तट आस्था का संगम बना हुआ है, जहाँ श्रद्धालु अपनी आस्था के दीप जलाकर, मन में सुख-शांति का संकल्प लेकर घर लौट रहे हैं।
रिपोर्ट: अंजनी कुमार कश्यप