एक साल पहले तमिलनाडू में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन की तुलना डेंगू मलेरिया से करते हुए इसे जड़ से खत्म करने की खबर खूब चर्चा में आई थी। जिसमें यह बयान देनेवाले तमिलनाडू के सीएम एकके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ कई केस दर्ज किये गए। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने इस मामले में उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को एक साथ खारिज कर दिया है।
उदयनिधि ने पिछले साल 'सनातन धर्म' के बारे में एक विवादास्पद बयान दिया था। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने पूछा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिकाओं को कैसे बरकरार रखा जा सकता है? पीठ ने याचिकाओं को ये कहते हुए खारिज कर दिया का अपीलकर्ता कानून के वैकल्पिक उपायों की मांग कर सकते हैं।
बता दें कि उदयनिधि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन रिट याचिकाएं दायर की गई थी। इन तीनों याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।
फैसले को लेकर द्रमुक नेता की लीगल टीम ने कहा है कि तमिलनाडु और दक्षिणी राज्यों में, सनातन धर्म को हमेशा छुआछूत और जाति के आधार पर भेदभाव के चश्मे से देखा गया है और उनकी टिप्पणियों को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।