CM licked the ASP: CM का हिटलरी अंदाज, ASP को थप्पड़ मारने की कोशिश!वीडियो वायरल

CM licked the ASP: मुख्यमंत्री ने एक रैली के दौरान एक सहायक पुलिस अधीक्षक को थप्पड़ मारने की कोशिश की, जिसने पूरे राज्य में हंगामा मचा दिया है।

 कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
CM का हिटलरी अंदाज- फोटो : social Media

CM licked the ASP: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। बेलगावी में आयोजित एक कांग्रेस रैली के दौरान, उन्होंने कथित तौर पर एक सहायक पुलिस अधीक्षक  को थप्पड़ मारने की कोशिश की, जिसने पूरे राज्य में हंगामा मचा दिया है। यह घटना तब हुई जब भारतीय जनता पार्टी  के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन ने रैली का माहौल गरमा दिया, जिससे कर्नाटक सीएम अपना आपा खो बैठे। इस सनसनीखेज घटना ने राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है, जिसमें BJP और जनता दल (सेक्युलर) ने सिद्धारमैया के व्यवहार को "अहंकारी" और "सत्ता का दुरुपयोग" करार दिया है।

बेलगावी में कांग्रेस की रैली के दौरान, BJP कार्यकर्ताओं ने सिद्धारमैया और उनकी सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया। सूत्रों के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के कारण रैली में व्यवधान उत्पन्न हुआ, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तनाव बढ़ गया। गुस्से में आकर सिद्धारमैया ने मंच पर मौजूद ASP को बुलाया और सुरक्षा में चूक का आरोप लगाते हुए उन पर हाथ उठाने का इशारा किया। वायरल वीडियो में सिद्धारमैया को गुस्से में पुलिस अधिकारी से बात करते और हाथ उठाते देखा जा सकता है, हालांकि थप्पड़ नहीं पड़ा। इस घटना ने तुरंत सुर्खियां बटोरीं और सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गई।

BJP ने इस घटना को सिद्धारमैया की "तानाशाही" और "अहंकारी रवैये" का सबूत बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की कोशिश की। BJP नेताओं ने इसे कर्नाटक में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाने का मौका बनाया, दावा करते हुए कि कांग्रेस सरकार असहमति को बर्दाश्त नहीं कर सकती। JDS ने भी इस घटना की निंदा की और इसे "लोकतंत्र पर हमला" करार दिया। JDS ने सोशल मीडिया पर लिखा, "सिद्धारमैया का यह व्यवहार उनकी हताशा और सत्ता के नशे को दर्शाता है। एक पुलिस अधिकारी को इस तरह अपमानित करना निंदनीय है।"

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कांग्रेस ने इस घटना को "BJP की साजिश" करार देते हुए कहा कि सिद्धारमैया ने कोई थप्पड़ नहीं मारा, बल्कि केवल अपनी नाराजगी जाहिर की। पार्टी प्रवक्ता ने दावा किया कि BJP कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर रैली में अराजकता फैलाई, जिसके कारण स्थिति बिगड़ी। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि BJP इस घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है ताकि कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता पैदा की जा सके। 

घटना के बाद ASP की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस घटना ने पुलिस बल में असंतोष पैदा किया है। कुछ पुलिस अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से इस व्यवहार को "अपमानजनक" बताया, लेकिन सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं। यह घटना पुलिस और प्रशासन के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है। 

यह घटना कर्नाटक में पहले से ही गर्म राजनीतिक माहौल को और तीव्र कर सकती है। BJP इस मुद्दे को विधानसभा सत्र और आगामी स्थानीय चुनावों में भुनाने की कोशिश कर सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि सिद्धारमैया का यह व्यवहार उनकी छवि को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर ऐसे समय में जब कांग्रेस कर्नाटक में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। बेलगावी रैली की यह घटना कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है। BJP और JDS जहां इसे सत्ता के दुरुपयोग का प्रतीक बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस इसे विपक्ष की साजिश करार दे रही है। इस सनसनीखेज घटना का असर कर्नाटक की राजनीति पर कितना गहरा होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।


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