Delhi liquor policy: दिल्ली की नई आबकारी नीति 2025 में बड़े बदलाव की तैयारी! मॉल-जैसी दिखेंगी सरकारी शराब दुकानें, जानें क्या होने वाला है खास?
Delhi liquor policy: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति 2025 का मसौदा तैयार कर लिया है। नीति में शराब की बिक्री व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल बनाने पर जोर दिया गया है, जबकि खुदरा बिक्री पर सरकारी नियंत्रण बरकरार रहेगा।
Delhi liquor policy: दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति 2025 (Excise Policy 2025) का मसौदा तैयार कर लिया है। यह नीति जल्द ही आम जनता के सुझावों के लिए जारी की जाएगी।इसका उद्देश्य है — शराब की बिक्री व्यवस्था को अधिक पारदर्शी, आधुनिक और उपभोक्ता-केंद्रित बनाना।सरकार ने इस बार पुरानी नीतियों से मिले अनुभवों का अध्ययन किया है ताकि भविष्य में न तो राजस्व को नुकसान हो और न ही भ्रष्टाचार या अव्यवस्था की गुंजाइश रहे।
फिलहाल निजी दुकानों को अनुमति नहीं मिलेगी
नई नीति के मुताबिक, दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री फिलहाल सरकारी नियंत्रण में ही जारी रहेगी। निजी दुकानों को दोबारा लाइसेंस देने का प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है।अधिकारियों का कहना है कि सरकारी मॉडल से न केवल राजस्व संग्रहण में पारदर्शिता रहती है, बल्कि अवैध बिक्री और बिचौलियों के दखल पर भी रोक लगती है, इसलिए सरकार ने फिलहाल इसी ढांचे को जारी रखने का निर्णय लिया है।
मॉल-जैसी दिखेंगी सरकारी शराब दुकानें
नई आबकारी नीति में राजधानी की सरकारी शराब दुकानों को एक आधुनिक रूप देने की योजना है।अब ये दुकानें पारंपरिक जालीदार खिड़कियों और भीड़भाड़ वाले काउंटरों से हटकर एक ओपन और एसी युक्त स्टोर के रूप में विकसित की जाएंगी। सरकार चाहती है कि ग्राहक को खरीदारी के दौरान आराम, सुरक्षा और गरिमा का अनुभव मिले। इन दुकानों को मॉल-जैसा रूप देने की योजना है, ताकि शराब खरीदने की प्रक्रिया को सामान्य और सभ्य बनाया जा सके।
लाभ बढ़ेगा प्रीमियम ब्रांडों पर ज़ोर
नई नीति में लाभांश दर (Profit Margin) बढ़ाने का प्रस्ताव है।आईएमएफएल (IMFL) पर प्रति बोतल लगभग ₹50 या उससे अधिक का लाभांश तय किया जा सकता है।इसके साथ ही, सरकार चाहती है कि दिल्ली के बाजार में प्रीमियम और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों की उपलब्धता भी बढ़े। यह राजधानी को भारत के प्रमुख शराब बाजारों में एक सशक्त पहचान देने की दिशा में कदम माना जा रहा है।
ब्रांड विविधता और ग्राहक अनुभव पर विशेष ध्यान
नई आबकारी नीति केवल राजस्व पर नहीं, बल्कि ग्राहक अनुभव (Customer Experience) पर भी केंद्रित है। अब दुकानों में देशी और विदेशी दोनों तरह के ब्रांडों की बड़ी रेंज उपलब्ध होगी।साथ ही, स्टोर्स के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल, इंटीरियर डिजाइन गाइडलाइन और स्टाफ ट्रेनिंग मानक भी तय किए जा रहे हैं।सरकार चाहती है कि शराब खरीदना अब भीड़भाड़ और अव्यवस्था से मुक्त, एक व्यवस्थित अनुभव बने।
राजस्व और नियंत्रण का संतुलन
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नई नीति से दिल्ली को दोहरा लाभ होगा। एक ओर राजस्व में वृद्धि, तो दूसरी ओर अवैध बिक्री पर कड़ा नियंत्रण।यह नीति केवल शराब बिक्री तक सीमित नहीं है, बल्कि “जिम्मेदार उपभोग संस्कृति (Responsible Drinking Culture)” को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक कदम है।
अगले वित्तीय वर्ष से लागू हो सकती है नई नीति
सूत्रों के अनुसार, मसौदा नीति को जल्द ही दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।मंजूरी मिलने के बाद इसे वित्तीय वर्ष 2025–26 से लागू किया जा सकता है।आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ शराब बेचना नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार उपभोक्ता समाज बनाना है।